New report on Cancer: हाल ही में ‘अमेरिकन कैंसर सोसायटी’ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कैंसर से संबंधित कुछ चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में गिरावट आई है, वहीं युवाओं और महिलाओं में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। यह रिपोर्ट A Cancer Journal for Clinicians में प्रकाशित हुई है।
1991 से 2022 के बीच कैंसर से होने वाली मृत्यु दर में 34% की गिरावट दर्ज की गई है। इसका श्रेय बेहतर उपचार और शुरुआती पहचान को दिया गया है। हालांकि, यह प्रगति सभी प्रकार के कैंसरों पर लागू नहीं होती। माउथ, पैंक्रियाटिक, ओवेरियन और लिवर कैंसर जैसे कुछ प्रकारों में मृत्यु दर में बढ़ोतरी देखी गई है।
महिलाओं और युवाओं में कैंसर का बढ़ता खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में कैंसर की दर उनके समकक्ष पुरुषों की तुलना में काफी अधिक है। यह दर 2002 में 51% अधिक थी, जो अब 82% तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे ब्रेस्ट और थायरॉयड कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी मुख्य कारण हो सकता है। इसके अलावा, खराब जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान, तनाव और हार्मोनल असंतुलन भी इस वृद्धि के पीछे बड़ी वजहें मानी जाती हैं।
पुरुषों में, खासकर 50 साल से कम उम्र के, कुछ सामान्य कैंसर जैसे मेलेनोमा, नॉन-हॉजकिन लिंफोमा और प्रोस्टेट कैंसर की दर में गिरावट देखी गई है।
कुछ कैंसरों की बढ़ती मृत्यु दर| New report on Cancer|
माउथ, पैंक्रियाटिक, ओवेरियन और लिवर कैंसर के कारण मृत्यु दर में वृद्धि चिंता का विषय बनी हुई है। विशेषज्ञ इसे कैंसर की देर से पहचान और जटिल उपचार से जोड़कर देखते हैं। इन कैंसरों की बढ़ती दर बताती है कि अभी भी कुछ क्षेत्रों में जागरूकता और उन्नत चिकित्सा तकनीकों की कमी है।
बढ़ती उम्र में कैंसर का खतरा क्यों घटता है?
‘मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर’ (MSK) के शोधकर्ताओं ने चूहों पर एक अध्ययन किया, जिसमें फेफड़ों के कैंसर का जोखिम उम्र के साथ कम होने की संभावना का खुलासा हुआ। डॉ. ज़ुएकियान झुआंग के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ कोशिकाओं की नई कोशिकाएं बनाने की क्षमता घटती जाती है। इससे कैंसर की अनियंत्रित वृद्धि रुकने लगती है।
शोध में फेफड़ों के एडेनोकार्सिनोमा पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो वैश्विक कैंसर से होने वाली मौतों में 7% के लिए जिम्मेदार है। यह अध्ययन चूहों पर किया गया, जो इंसानों में 65-70 साल की उम्र के बराबर होते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि बुढ़ापे के शुरुआती चरण में कैंसर की दरें चरम पर होती हैं और इसके बाद घटने लगती हैं।
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रिपोर्ट में सामने आए तथ्य यह दिखाते हैं कि कैंसर के प्रति जागरूकता, स्क्रीनिंग और इलाज के तरीकों में सुधार के बावजूद, कुछ चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं में बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लाइफस्टाइल सुधार, तनाव प्रबंधन और नियमित स्वास्थ्य जांच पर जोर देना आवश्यक है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देना जरूरी है। कैंसर का शुरुआती पता लगाने और उसके कारकों को समझने की दिशा में नए शोध महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।