Uttarakhand News: उत्तराखंड की राजनीति में एक चौंकाने वाली घटना ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। रुड़की के गंग नहर क्षेत्र में निर्दलीय खानपुर विधायक उमेश कुमार के कैंप कार्यालय पर फायरिंग की घटना सामने आई है। इस मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह विवाद लंबे समय से चला आ रहा था, जो अब हिंसा में बदल गया है।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर दिनदहाड़े कई राउंड फायरिंग की गई। इस फायरिंग में तीन युवक घायल हुए हैं और कार्यालय में तोड़फोड़ भी की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि फायरिंग के पीछे कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का हाथ है। यह घटना उस समय हुई जब कार्यालय में कई लोग मौजूद थे।
घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने कार्यालय और आसपास के इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उमेश कुमार के बीच राजनीतिक विवाद नया नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में उमेश कुमार ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चैंपियन को हराकर जीत दर्ज की थी। तभी से दोनों नेताओं के बीच तनाव बना हुआ है। बताया जा रहा है कि हाल के दिनों में दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच भी कई बार झड़पें हुई हैं।
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सोशल मीडिया पर बयानबाजी
फायरिंग की घटना के बाद सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। उमेश कुमार ने चैंपियन को खुलेआम चुनौती दी है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, चैंपियन ने अपने समर्थकों को एकजुट रहने का संदेश दिया है।
जनता में भय और प्रशासन की भूमिका
इस घटना ने क्षेत्र के निवासियों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नेताओं की इस लड़ाई का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। लोग प्रशासन से इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने और क्षेत्र में शांति बहाल करने की अपील कर रहे हैं।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।
उत्तराखंड की राजनीति पर असर
इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। जहां एक तरफ यह घटना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, वहीं दूसरी तरफ यह नेताओं के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर करती है।