Padma Awards 2025: भारत में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल पद्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती है, जो देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं। इस वर्ष 2025 के लिए पद्म पुरस्कारों की सूची में 139 नाम शामिल किए गए हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मानित करना है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण कार्य किए हैं। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं: पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री। ये पुरस्कार कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्यों के लिए दिए जाते हैं।
1. पद्म पुरस्कारों का वितरण
इस वर्ष कुल 139 पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जिनमें 7 लोग पद्म विभूषण, 19 लोग पद्म भूषण और 113 लोग पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होंगे। इन पुरस्कारों में विशेष ध्यान शिक्षा, साहित्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में किए गए असाधारण योगदान पर दिया गया है, जिसमें कुल 37 नाम शामिल हैं।
पद्म विभूषण (Padma Vibhushan)
पद्म विभूषण, भारत के नागरिकों द्वारा किए गए असाधारण कार्य के लिए दिया जाता है। इस वर्ष के पुरस्कारों में केरल के श्री एम.टी. वासुदेवन नायर को मरणोपरांत साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। उनका योगदान भारतीय साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अनमोल रहेगा।
पद्म भूषण (Padma Bhushan)
पद्म भूषण पुरस्कार, उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। इस वर्ष चार प्रमुख व्यक्तित्वों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनमें से तीन साहित्य और शिक्षा से जुड़े हुए हैं और एक व्यक्ति विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र से हैं।
- श्री ए सूर्य प्रकाश (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता, कर्नाटक)
- श्री बिबेक देबरॉय (साहित्य और शिक्षा, एनसीटी दिल्ली)
- श्री रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता, उत्तर प्रदेश)
- श्री विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग, संयुक्त राज्य अमेरिका)
पद्म श्री (Padma Shri)
पद्म श्री पुरस्कार, किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। इस वर्ष कुल 113 लोग पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं। इसमें 32 नाम साहित्य, शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। कुछ प्रमुख नाम हैं:
- श्री अजय वी भट्ट (विज्ञान और इंजीनियरिंग, संयुक्त राज्य अमेरिका)
- श्री अनिल कुमार बोरो (साहित्य और शिक्षा, असम)
- श्री अरुणोदय साहा (साहित्य और शिक्षा, त्रिपुरा)
- श्री अरविंद शर्मा (साहित्य और शिक्षा, कनाडा)
- श्री चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत, साहित्य और शिक्षा, गुजरात)
- श्री आशुतोष शर्मा (विज्ञान और अभियांत्रिकी, उत्तर प्रदेश)
- श्री शीन काफ़ निज़ाम (शिव किशन बिस्सा, साहित्य और शिक्षा, राजस्थान)
इन पुरस्कारों में विशेष उल्लेखनीय यह है कि 23 महिलाएं भी पुरस्कार प्राप्त करने वाली हैं, और 10 विदेशी, एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति भी सम्मानित किए गए हैं। साथ ही, 13 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता भी इस सूची में शामिल हैं।
2. पद्म पुरस्कारों की परंपरा और महत्व
पद्म पुरस्कारों का इतिहास बहुत पुराना है, और इनकी शुरुआत भारत सरकार ने 1954 में की थी। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों की सराहना करना है जिन्होंने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पद्म पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का चयन एक विशेष समिति करती है, जो राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन करती है।
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पद्म विभूषण को असाधारण सेवा के लिए, पद्म भूषण को उच्च श्रेणी की विशिष्ट सेवा के लिए और पद्म श्री को विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस के दिन की जाती है और यह राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किए जाते हैं।
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