Delhi Assembly Elections

Delhi Assembly Elections: दिल्ली में शाम 6 बजे मतदान की प्रक्रिया समाप्त हुआ, अब सब को 8 फरवरी का इंतज़ार है, क्या आप बनाएगी सरकार या हो जायेगा पत्ता साफ

Delhi Assembly Elections: में इस बार पिछली बार की तुलना में कम मतदान हुआ। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, शाम छह बजे तक मतदान का औपचारिक समापन हुआ, जिसके बाद केवल कतार में खड़े मतदाताओं को ही वोट डालने की अनुमति दी गई। शाम पांच बजे तक कुल 57.70% मतदान दर्ज किया गया, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 62.55% था। मतदान प्रतिशत में गिरावट के कारणों पर राजनीतिक विश्लेषक मंथन कर रहे हैं। अब सभी की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।

दिल्ली में 5 बजे तक मतदान प्रतिशत

चुनाव आयोग के अनुसार, दिल्ली में शाम 5 बजे तक कुल 57.70 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस दौरान विभिन्न जिलों में अलग-अलग मतदान प्रतिशत देखने को मिला।

दिल्ली के अलग-अलग जिलों में मतदान प्रतिशत:

  • सेंट्रल दिल्ली – 55.24%
  • ईस्ट दिल्ली – 58.98%
  • नई दिल्ली – 54.37%
  • नॉर्थ दिल्ली – 57.24%
  • नॉर्थ ईस्ट दिल्ली – 63.83%
  • नॉर्थ वेस्ट दिल्ली – 58.05%
  • शाहदरा – 61.35%
  • साउथ दिल्ली – 55.72%
  • साउथ ईस्ट दिल्ली – 53.77%
  • साउथ वेस्ट दिल्ली – 58.86%
  • वेस्ट दिल्ली – 57.42%

अरविंद केजरीवाल की सीट पर मतदान प्रतिशत:

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विधानसभा सीट नई दिल्ली पर शाम 5 बजे तक 54.27% मतदान हुआ। इस सीट पर उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है।

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Delhi Assembly Elections

सबसे ज्यादा और सबसे कम मतदान:

दिल्ली में मतदान प्रतिशत विभिन्न इलाकों में अलग-अलग रहा।

  • सबसे ज्यादा मतदान: उत्तर पूर्वी दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट पर हुआ।
  • सबसे कम मतदान: दक्षिण दिल्ली की कालकाजी सीट पर केवल 51.81% मतदान दर्ज किया गया।

कुल मतदान का आंकड़ा:

दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ। इनमें सबसे ज्यादा मतदान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली (63.83%) में हुआ, जबकि सबसे कम मतदान साउथ ईस्ट दिल्ली (53.77%) में दर्ज किया गया।

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संभावित प्रभाव:

मतदान प्रतिशत में उतार-चढ़ाव चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है। अधिक मतदान आमतौर पर बदलाव की ओर इशारा करता है, जबकि कम मतदान सत्तारूढ़ दल के लिए लाभदायक हो सकता है। इस बार का मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों से थोड़ा कम रहा, जिससे विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए स्थिति पेचीदा हो सकती है।

चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और कहीं भी किसी बड़ी हिंसा या अनियमितता की खबर नहीं आई। अब चुनाव परिणामों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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