Railway profits In Mahakumbh: महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर समस्तीपुर मंडल के विभिन्न स्टेशनों से सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज का रुख किया। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कुल 40 विशेष ट्रेनें चलाईं, जिससे समस्तीपुर मंडल को टिकट बिक्री के माध्यम से 1 करोड़ 85 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। रेलवे प्रशासन ने कुंभ मेले में यात्रियों की संख्या को देखते हुए पहले से व्यापक तैयारियां कर रखी थीं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
जयनगर से सर्वाधिक श्रद्धालु हुए रवाना
महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक जयनगर स्टेशन से रही। यहाँ से कुल 58 हजार श्रद्धालु विशेष ट्रेनों के माध्यम से प्रयागराज पहुंचे। इसके अतिरिक्त, सहरसा और दरभंगा से 10-10 हजार, रक्सौल से 12 हजार तथा समस्तीपुर से 7 हजार यात्रियों ने प्रयागराज के लिए यात्रा की। इसके अलावा, अन्य छोटे-बड़े स्टेशनों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से प्रयागराज पहुंचे। रेलवे की इस सुव्यवस्थित योजना के कारण यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
नेपाल से भी श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
महाकुंभ की आध्यात्मिक आस्था सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ मेले में हिस्सा लेने पहुंचे। जयनगर स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने देखा कि नेपाल से आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में ट्रेन पकड़ रहे थे। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने जयनगर स्टेशन पर एक विशेष होल्डिंग एरिया की व्यवस्था की थी, जहां उन्हें विश्राम करने और अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा करने की सुविधा प्रदान की गई।
भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे की विशेष तैयारियां
महाकुंभ के दौरान बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन ने पहले से विशेष योजनाएं बनाई थीं। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने पहले ही 5 से 6 विशेष ट्रेन रैक तैयार किए थे, जिन्हें आवश्यकता अनुसार कुंभ स्पेशल ट्रेनों में बदला गया। इस व्यवस्था के कारण रेलवे को अन्य मंडलों या जोनों से अतिरिक्त ट्रेन रैक की मांग नहीं करनी पड़ी।
डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने समस्तीपुर, दरभंगा, जयनगर, रक्सौल और सहरसा जैसे प्रमुख स्टेशनों का निरीक्षण कर अधिकारियों को भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे। वार रूम से भी 10 फरवरी से लगातार भीड़भाड़ वाले स्टेशनों की निगरानी की जा रही थी, ताकि ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
प्रशासन और रेलवे की संयुक्त व्यवस्था से भीड़ प्रबंधन सुचारू
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन ने कई अधिकारियों की तैनाती की थी। जयनगर में एडीआरएम आलोक कुमार झा, सहरसा में डीसीएम राकेश कुमार श्रीवास्तव और दरभंगा में सीनियर डीएफएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
भीड़ प्रबंधन के लिए जिला पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे के अन्य विभागों के सहयोग से समुचित व्यवस्था की गई। कुल 720 रेलवे कर्मचारियों को अलग-अलग स्टेशनों पर ड्यूटी पर लगाया गया, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्राप्त हो सके।
रेलवे को हुआ 1.85 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण रेलवे को टिकट बिक्री के माध्यम से 1 करोड़ 85 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि विशेष ट्रेनों के संचालन के साथ-साथ रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा।
समस्तीपुर मंडल द्वारा किए गए इन व्यापक प्रबंधों के चलते यात्रियों ने बिना किसी परेशानी के महाकुंभ में पुण्य स्नान का लाभ उठाया और सुरक्षित घर लौटे। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने हेतु अपनी प्रतिबद्धता को पुनः सिद्ध किया है।
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महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में रेलवे की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस बार समस्तीपुर मंडल ने विशेष ट्रेनों और सुव्यवस्थित प्रबंधन के माध्यम से यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा। नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए। रेलवे द्वारा उठाए गए इन कदमों से न केवल यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिला, बल्कि रेलवे को भी आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। यह आयोजन रेलवे की कुशल प्रबंधन प्रणाली और तत्परता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।