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राम नवमी 2025 अयोध्या में : लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू में स्नान कर रामलला के किए दर्शन​

राम नवमी 2025
राम नवमी 2025

राम नवमी 2025: अयोध्या में राम नवमी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने सरयू नदी में पवित्र स्नान कर श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन किए। मंदिर को फूलों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे पूरे शहर में उत्सव का माहौल बना हुआ था।​

राम नवमी का महत्व और अयोध्या में उत्सव

राम नवमी, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान श्रीराम के जन्म का प्रतीक है। इस वर्ष, यह शुभ दिन 6 अप्रैल 2025 को पड़ा, जिसे देशभर में धूमधाम से मनाया गया। अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि होने के कारण, इस अवसर पर विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रही।​

सरयू नदी में पवित्र स्नान

सुबह से ही हजारों श्रद्धालु सरयू नदी के तट पर एकत्रित हुए और पवित्र स्नान किया। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सरयू में स्नान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान के पश्चात, भक्तजन श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे।​

श्री राम जन्मभूमि मंदिर की भव्य सजावट

राम नवमी के उपलक्ष्य में श्री राम जन्मभूमि मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया था। फूलों की मालाओं और रंगीन रोशनी से सुसज्जित मंदिर की शोभा देखते ही बनती थी। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए थे, जिससे दर्शन सुचारु रूप से हो सके।​

सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएँ

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था भी की गई थी ताकि यातायात सुचारु रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुबन सिंह ने बताया कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और भक्तों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है।​

भक्तों के अनुभव

वाराणसी से आए एक भक्त ने बताया, “मैं राम नवमी के अवसर पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन करने आया हूँ और यहाँ आकर अत्यंत आनंदित महसूस कर रहा हूँ।” एक अन्य भक्त ने कहा, “मंदिर की सजावट और व्यवस्थाएँ बहुत अच्छी हैं, यहाँ आकर मन को शांति मिलती है।”​

दिल्ली में राम नवमी उत्सव

अयोध्या के अलावा, देश की राजधानी दिल्ली में भी राम नवमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। झंडेवालान मंदिर को रोशनी और फूलों से सजाया गया था, जहाँ भक्तों ने माता रानी के दर्शन किए और आरती में भाग लिया। चतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में भी सुबह की आरती आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।​

निष्कर्ष

राम नवमी का पर्व भक्तों के लिए आस्था, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। अयोध्या में इस अवसर पर उमड़ी भक्तों की भीड़ और मंदिरों की भव्य सजावट ने उत्सव की शोभा बढ़ाई। देशभर में इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिससे समाज में एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश प्रसारित हुआ।

Source: Economics Time

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