Concussion Substitute Rule
Concussion Substitute Rule: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इसी कड़ी में आईसीसी (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट (Concussion Substitute) का नियम लागू किया है। यह नियम खिलाड़ियों को चोटिल होने की स्थिति में बदलने की अनुमति देता है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मैच में यह नियम चर्चा का विषय बन गया, जब भारतीय ऑलराउंडर शिवम दुबे के हेलमेट पर गेंद लगने के बाद हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा गया।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल आईसीसी द्वारा लागू किया गया एक नियम है, जो खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। इस नियम के अनुसार, यदि किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान सिर या आंख में चोट लगती है और वह आगे खेलने की स्थिति में नहीं होता है, तो उसकी जगह एक अन्य खिलाड़ी को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा जा सकता है। हालांकि, यह सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी मूल खिलाड़ी के समान भूमिका निभाने वाला होना चाहिए, यानी यदि चोटिल खिलाड़ी एक बल्लेबाज है, तो उसकी जगह एक बल्लेबाज ही आना चाहिए।
आईसीसी के नियमों के अनुसार, कन्कशन सब्स्टीट्यूट के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं:
चौथे टी20 मैच में शिवम दुबे के हेलमेट पर गेंद लगने के बाद हर्षित राणा को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर उतारा गया। हर्षित ने मैच में तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, इसके बाद यह विवाद उठ खड़ा हुआ कि हर्षित राणा शिवम दुबे के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट नहीं हैं।
शिवम दुबे एक बैटिंग ऑलराउंडर हैं, जो कभी-कभार गेंदबाजी भी करते हैं, जबकि हर्षित राणा एक तेज गेंदबाज हैं। आईसीसी के नियमों के अनुसार, सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी मूल खिलाड़ी के समान भूमिका निभाने वाला होना चाहिए। इसलिए, यह सवाल उठा कि क्या हर्षित राणा शिवम दुबे के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट हैं?
आईसीसी के नियमों के क्लॉज 1.2.7.4 और 1.2.7.5 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी मूल खिलाड़ी के समान भूमिका निभाने वाला होना चाहिए। यदि चोटिल खिलाड़ी एक बल्लेबाज है, तो उसकी जगह एक बल्लेबाज ही आना चाहिए। इसी तरह, यदि चोटिल खिलाड़ी एक गेंदबाज है, तो उसकी जगह एक गेंदबाज ही आना चाहिए।
हर्षित राणा के मामले में, शिवम दुबे एक बैटिंग ऑलराउंडर हैं, जबकि हर्षित एक तेज गेंदबाज हैं। इसलिए, यह सवाल उठना स्वाभाविक था कि क्या हर्षित शिवम के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट हैं? हालांकि, मैच रेफरी ने इस सब्स्टीट्यूट को मंजूरी दे दी, जिसके बाद हर्षित को मैदान पर उतारा गया।
हर्षित राणा ने मैदान पर उतरते ही अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया। उन्होंने 12वें ओवर में गेंदबाजी करते हुए दूसरी ही गेंद पर लियाम लिविंगस्टोन को आउट कर दिया। इसके बाद उन्होंने जैकब बेथेल को भी आउट किया। हालांकि, हैरी ब्रूक ने उनकी लगातार तीन गेंदों पर 16 रन बना दिए, लेकिन इसके अलावा हर्षित ने बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया। 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर उन्होंने जिमी ओवरटन को आउट करके भारत की जीत पक्की कर दी। हर्षित ने 4 ओवर में 33 रन देकर तीन अहम विकेट लिए।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल खिलाड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया एक महत्वपूर्ण नियम है। हालांकि, इस नियम के सही तरीके से लागू होने के लिए यह जरूरी है कि सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी मूल खिलाड़ी के समान भूमिका निभाने वाला हो। हर्षित राणा के मामले में यह विवाद उठा कि क्या वह शिवम दुबे के लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट हैं, लेकिन मैच रेफरी ने इस सब्स्टीट्यूट को मंजूरी दे दी। हर्षित ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई, लेकिन यह विवाद इस बात की ओर इशारा करता है कि कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल को और स्पष्ट और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।
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