DeepSeek-R1: दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का दबदबा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, और इस क्षेत्र में क्रांति लाने वाली कंपनियों की दौड़ तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में चाइनीज स्टार्टअप DeepSeek ने अपने नए एआई मॉडल DeepSeek-R1 के जरिए बाजार में तहलका मचा दिया है। 2023 में शुरू हुई यह कंपनी अब ओपनएआई और गूगल जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। DeepSeek-R1 की लॉन्चिंग ने न केवल तकनीकी जगत को झकझोर दिया है, बल्कि शेयर बाजारों में भी हलचल मचा दी है।
क्या है DeepSeek-R1?
DeepSeek-R1 एक उन्नत लॉन्ग लैंग्वेज मॉडल (LLM) है, जो Mixture-of-Experts आर्किटेक्चर पर आधारित है। यह मॉडल गणित, कोडिंग और सामान्य ज्ञान जैसे कार्यों में बेहतरीन परिणाम देने के लिए जाना जा रहा है। OpenAI के लोकप्रिय मॉडल o1 की तुलना में यह 90-95% अधिक किफायती है, जिससे यह डेवलपर्स और व्यवसायों के लिए बेहद आकर्षक विकल्प बन गया है।
DeepSeek-R1 की सबसे खास बात यह है कि यह ओपनसोर्स है। इसका मतलब है कि इसे कोई भी मुफ्त में इस्तेमाल कर सकता है। डेवलपर्स इसके एपीआई का फ्री उपयोग कर सकते हैं, जो इसे और भी लोकप्रिय बना रहा है। हालांकि, DeepSeek-R1 फिलहाल फोटो और वीडियो निर्माण की क्षमता नहीं रखता, लेकिन यह कई भाषाओं जैसे हिंदी, अंग्रेजी, हिंग्लिश और चीनी में यूजर्स के सवालों का जवाब देने में सक्षम है।
बाजार पर प्रभाव
DeepSeek-R1 की लॉन्चिंग का असर पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में दिखाई दिया। लॉन्च के महज दो दिनों के भीतर ही, प्रमुख एआई चिप आपूर्तिकर्ता एनवीडिया के शेयरों में 14% की गिरावट देखी गई, जिससे इसके बाजार मूल्य में $500 बिलियन से अधिक की कमी आई। इसी तरह, अमेरिका और यूरोप की कई अन्य तकनीकी कंपनियों के शेयर भी गिरावट की चपेट में आ गए।
DeepSeek के मॉडल ने एआई उद्योग में प्रतिस्पर्धा को नई ऊंचाई दी है। यह न केवल OpenAI के मार्केट शेयर को चुनौती दे रहा है, बल्कि तकनीकी कंपनियों की रणनीतियों में भी बदलाव ला रहा है।
लॉन्च के बाद साइबर अटैक
DeepSeek-R1 ने अपनी लॉन्चिंग के साथ ही वैश्विक स्तर पर जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की। लॉन्च के 24 घंटे के भीतर यह एपल के एप स्टोर पर टॉप फ्री डाउनलोड एप्स की सूची में सबसे ऊपर पहुंच गया। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी को बड़े साइबर अटैक का सामना करना पड़ा, जिसके कारण नए रजिस्ट्रेशन पर अस्थायी रोक लगानी पड़ी। फिलहाल, नए यूजर्स DeepSeek-R1 पर साइनअप नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन कंपनी इस समस्या को हल करने में जुटी है।
2023 में DeepSeek की शुरुआत
DeepSeek की स्थापना 2023 में चीनी हेज फंड मैनेजर लियांग वेनफेंग ने की थी। शुरुआत से ही यह कंपनी एआई उद्योग में एक गंभीर प्रतियोगी के रूप में उभरी। DeepSeek के मॉडल ने गणित, तर्क और कोडिंग जैसे क्षेत्रों में अपनी उन्नत क्षमताओं के चलते ध्यान आकर्षित किया है।
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DeepSeek के पास सिर्फ 200 लोगों की एक छोटी टीम है, लेकिन उनकी तकनीकी विशेषज्ञता ने OpenAI जैसी बड़ी कंपनियों को टक्कर दी है। DeepSeek की इस कामयाबी ने यह साबित कर दिया है कि छोटे स्टार्टअप्स भी बड़े बाजारों में अपनी जगह बना सकते हैं।
OpenAI और DeepSeek के बीच प्रतिस्पर्धा
अब तक एआई चैट टूल्स के बाजार में OpenAI का ChatGPT लगभग अकेला राज कर रहा था। लेकिन DeepSeek-R1 की एंट्री ने इस बादशाहत को हिलाने का काम किया है। जहां OpenAI के पास 4,000 लोगों की बड़ी टीम और भारी संसाधन हैं, वहीं DeepSeek के पास सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाने की क्षमता है।
DeepSeek-R1 की किफायती लागत, ओपनसोर्स मॉडल और बहुभाषीय क्षमताओं ने इसे वैश्विक स्तर पर तेजी से लोकप्रिय बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में DeepSeek-R1 OpenAI के वर्चस्व को चुनौती देकर एआई बाजार का नया चेहरा बन सकता है।