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Delhi Assembly Election Results: जानें दिल्ली में बीजेपी की जीत के 10 बड़े फैक्टर

Delhi Assembly Election Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद दिल्ली में वापसी की है और अब तक के रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 70 में से 41 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) 29 सीटों पर आगे है। यह बीजेपी के लिए एक ऐतिहासिक जीत है, क्योंकि पिछले कई वर्षों से दिल्ली में आप का दबदबा रहा है। इस जीत के पीछे कई कारण हैं, जिन्होंने बीजेपी को दिल्ली की सत्ता में वापसी का रास्ता दिखाया। आइए, इन कारणों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

1. भ्रष्टाचार के आरोपों का प्रभाव

आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुई थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आप पर खुद भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। 2021 में दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति को लेकर बीजेपी ने आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बीजेपी ने इस मामले को लगातार उठाया और इसे चुनावी मुद्दा बनाया। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच सौंपी। जांच में आप के कई बड़े नेताओं, जिनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह शामिल हैं, को गिरफ्तार किया गया। हालांकि ये नेता जमानत पर बाहर हैं, लेकिन इस मामले ने आप की छवि को नुकसान पहुंचाया। बीजेपी ने इस मुद्दे को लगातार गरमाए रखा और आप को डिफेंसिव होने पर मजबूर कर दिया।

Delhi Assembly Election Results

2. केजरीवाल का शीश महल विवाद

बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को “शीश महल” बताकर इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास को सजाने और संवारने में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को उठाया और कहा कि उन्होंने कभी अपने लिए महल नहीं बनवाया, बल्कि देशवासियों को पक्के घर दिए। इस मुद्दे ने केजरीवाल की “आम आदमी” की छवि को धूमिल किया और बीजेपी को फायदा पहुंचाया।

3. दिल्ली की बदहाल स्थिति

दिल्ली के कई इलाकों में नागरिक सुविधाओं की स्थिति खराब होने को लेकर भी आप की आलोचना हुई। आप ने नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा होने का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन निगम चुनाव में आप की जीत के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। नालियों का बजबजाना, सड़कों पर गंदगी और सीवर के पानी का बहना आम बात हो गई। दिल्ली के लोगों को इन समस्याओं से जूझना पड़ा, जिसका असर चुनाव में दिखा।

4. पीने के पानी की समस्या

दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता को लेकर भी बीजेपी ने आप को घेरा। अरविंद केजरीवाल ने राजेंद्र नगर के डीडीए फ्लैट में जाकर नल का पानी पीकर यह दिखाने की कोशिश की कि दिल्ली जल बोर्ड अच्छी गुणवत्ता वाला पानी सप्लाई कर रहा है। हालांकि, बीजेपी ने इसके जवाब में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में गंदे पानी की सप्लाई को उजागर किया। यह मुद्दा बीजेपी के हाथ में चला गया और उन्होंने इसे चुनावी अभियान का हिस्सा बना लिया।

5. आप को ‘आपदा’ बताना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी रैली में आम आदमी पार्टी को ‘आपदा’ बताया। इसके बाद बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आप को ‘आपदा’ कहना शुरू कर दिया। यह संदेश दिल्ली के मतदाताओं तक पहुंचा और बीजेपी को इसका फायदा मिला। मतदाताओं ने आप की सरकार के कामकाज से निराश होकर बीजेपी को वोट दिया।

6. बीजेपी की लंबी रणनीति

बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति बनाई थी। पिछले कई वर्षों से बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली की झुग्गी बस्तियों, दलितों, पिछड़ों और अन्य जातीय समूहों के साथ समन्वय बनाने में लगे थे। बीजेपी ने ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ जैसी योजनाओं के जरिए झुग्गीवासियों का समर्थन हासिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में इसी योजना के तहत मकान सौंपे थे, जिसका सकारात्मक प्रभाव चुनाव में दिखा।

ये भी पढ़े:-Delhi Assembly Elections 2025: चांदनी चौक सीट पर क्या आप लगा सकती है जीत की हैट्रिक या बीजेपी का खुलेगा खाता

7. आरएसएस का सहयोग

भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच गहरा संबंध है। चुनाव के दौरान आरएसएस के स्वयंसेवकों और प्रचारकों ने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरएसएस के कार्यकर्ता चुनाव से पहले से ही मतदाताओं तक बीजेपी का संदेश पहुंचाने में लगे थे।

Delhi Assembly Election Results

8. मजबूत उम्मीदवार

बीजेपी ने इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में बहुत सावधानी बरती। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा, जिसमें प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और दुष्यंत गौतम जैसे नेता शामिल थे। हालांकि इनमें से कुछ नेता चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा और वे पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए।

9. लोकसभा चुनाव में सफलता का असर

2021 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटें जीती थीं। इस जीत ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया और पार्टी ने इस सफलता को बनाए रखने की कोशिश की। लोकसभा चुनाव में बने माहौल का असर विधानसभा चुनाव में भी दिखा।

10. मध्य वर्ग का समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन और आयकर स्लैब में बदलाव जैसे फैसलों ने मध्य वर्ग को बीजेपी के करीब लाया। दिल्ली में मध्य वर्ग और सरकारी कर्मचारियों का बड़ा वोट बैंक है, जिसने बीजेपी को समर्थन दिया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बीजेपी की जीत के पीछे कई कारण हैं। भ्रष्टाचार के आरोप, केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचाने, दिल्ली की बदहाल स्थिति और बीजेपी की मजबूत रणनीति ने पार्टी को सफलता दिलाई। इस जीत के साथ बीजेपी ने दिल्ली में 27 साल बाद वापसी की है और अब दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है।

Shabdshila

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