Delhi Assembly Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब महज कुछ ही दिन शेष हैं, और सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दशकों से दिल्ली की सत्ता से दूर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार किसी भी हालत में सत्ता पर काबिज होना चाहती है। इसके लिए पार्टी ने मजबूत रणनीति बनाई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका तय की गई है।
सीएम योगी करेंगे 14 सभाएं
बीजेपी के लिए योगी आदित्यनाथ दिल्ली चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह चार दिनों में कुल 14 जनसभाओं को संबोधित करेंगे। ये सभाएं 23 जनवरी से 1 फरवरी तक चलेंगी। योगी आदित्यनाथ अपने आक्रामक भाषणों और प्रभावशाली शैली के लिए जाने जाते हैं। वे अपनी सभाओं में बीजेपी के कामों और योजनाओं को जनता के सामने रखेंगे और विपक्षी पार्टियों पर तीखे हमले करेंगे।
23 जनवरी को उनकी सभाएं किराड़ी, जनकपुरी और उत्तम नगर में होंगी। इसके बाद 28 जनवरी को मुस्तफाबाद, घोंडा, शाहदरा और पटपड़गंज में योगी जनसभाएं करेंगे। 30 जनवरी को महरौली, आरके पुरम, राजेंद्र नगर और छतरपुर में उनकी रैलियां आयोजित की जाएंगी। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 1 फरवरी को योगी आदित्यनाथ पालम, बिजवासन और द्वारका में जनसभाएं करेंगे। इन रैलियों का मुख्य उद्देश्य पूर्वांचली, उत्तराखंडी और कोर हिंदुत्व मतदाताओं को साधना है, जो चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
पूर्वांचली और हिंदुत्व वोट बैंक पर नज़र
दिल्ली में एक बड़ा वर्ग उत्तर प्रदेश और बिहार से आकर बसा है, जिसे साधने के लिए योगी आदित्यनाथ की सभाएं अहम मानी जा रही हैं। योगी आदित्यनाथ की छवि एक हिंदुत्ववादी नेता के रूप में मजबूत है, जो बीजेपी के पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने का काम करेगी। इसके साथ ही, पूर्वांचल के मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती है।
महिलाओं और युवाओं पर बीजेपी का फोकस
बीजेपी ने इस बार अपने प्रचार अभियान में झुग्गी बस्तियों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया है। पार्टी ने अपने संकल्प पत्र के पहले भाग में महिलाओं के लिए कई वादे किए हैं, जिनमें सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं। जल्द ही संकल्प पत्र का दूसरा भाग जारी किया जाएगा, जिसमें युवाओं और छात्रों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
सत्ता वापसी की कोशिश में बीजेपी
दिल्ली में पिछले दो दशकों से बीजेपी सत्ता से बाहर रही है। इस बार पार्टी किसी भी कीमत पर यह मौका गंवाना नहीं चाहती। बीजेपी के इस आक्रामक प्रचार अभियान का उद्देश्य आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को चुनौती देना है। योगी आदित्यनाथ की सभाओं में उनके तीखे भाषण विपक्षी दलों पर दबाव बनाने का काम करेंगे।
नतीजों पर प्रभाव डालने की कोशिश
बीजेपी की रणनीति साफ है—हर वर्ग के मतदाताओं को साधना और सभी मुद्दों पर विपक्ष को घेरना। पार्टी को उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ का प्रभाव, विशेष रूप से पूर्वांचली और हिंदुत्व वोट बैंक पर, नतीजों को उनके पक्ष में कर सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रचार को लेकर पार्टी को बड़ी उम्मीदें हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि योगी की रैलियां और बीजेपी की रणनीतियां दिल्ली की सत्ता में उसकी वापसी करा पाती हैं या नहीं।