Delhi assembly elections
Delhi assembly elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। चुनावी माहौल में जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी (आप) अपनी उपलब्धियों और योजनाओं को गिनाने में जुटी है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर लगातार निशाना साध रहे हैं।
नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वर्मा ने दावा किया है कि आप कार्यकर्ता झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को लुभाने के लिए पैसे बांट रहे हैं। रविवार को प्रवेश वर्मा ने कहा कि झुग्गी बस्तियों में लोगों के घरों में कैलेंडर के साथ 500-500 रुपये के नोट रखकर वितरित किए गए।
उन्होंने दावा किया कि इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें इस घटना को दिखाया गया है। संजय कैंप इलाके से इस संबंध में वीडियो प्राप्त हुआ है। वर्मा के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से 800 रुपये की दिहाड़ी पर काम कर रहे थे।
प्रवेश वर्मा ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वर्मा ने यह भी कहा कि इस कथित गिरोह का पर्दाफाश किया जाना चाहिए, ताकि चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।
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इन आरोपों पर अब तक आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल पर पहले भी विपक्षी दलों की ओर से ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में आप ने इन आरोपों को खारिज किया है।
वहीं दूसरी ओर, प्रवेश वर्मा खुद भी विवादों में घिर गए हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में पंजाबी लोगों की गाड़ियों को लेकर सुरक्षा संबंधी बयान दिया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ बठिंडा की अदालत में मानहानि का केस दर्ज किया गया है। यह केस रविंदर सिंह नाम के व्यक्ति ने दायर किया है। अदालत में इस मामले की सुनवाई 28 जनवरी को होनी है।
इस विवाद के कारण भाजपा को विरोधी दलों के निशाने पर आना पड़ा है। विपक्षी दलों ने इसे पंजाबी समुदाय का अपमान बताते हुए भाजपा पर आरोप लगाए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव का माहौल दिन-प्रतिदिन गरमाता जा रहा है। राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जहां एक ओर भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल सरकार को निशाने पर ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर आप अपने विकास कार्यों का हवाला देकर फिर से सत्ता में वापसी का भरोसा जता रही है।
चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस के पास अब यह जिम्मेदारी है कि वे इन आरोपों की निष्पक्ष जांच करें। इस तरह के आरोप न केवल चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करते हैं, बल्कि जनता के बीच राजनीतिक दलों की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आरोपों और विवादों के इस दौर में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राजनीतिक दल किस तरह अपनी रणनीति बनाते हैं और जनता के सामने अपनी विश्वसनीयता साबित करते हैं। चुनावी नतीजे यह तय करेंगे कि जनता किसे अपनी सेवा का मौका देती है।
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