Delhi News
Delhi News: दिल्ली की एक किशोरी का बिना किसी को बताए घर से गायब होना और फिर उसकी सुरक्षित वापसी की कहानी न केवल चिंताजनक है, बल्कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ का भी उदाहरण है। यह घटना इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करती है कि कैसे युवा लड़कियां बिना किसी सूचना के घर से निकल जाती हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर परिवार और समाज को सजग रहने की आवश्यकता है। इस घटना में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर किशोरी का पता लगाकर उसे सुरक्षित वापस लाने में सफलता हासिल की।
तीन फरवरी को सरोजिनी नगर पुलिस को एक किशोरी के लापता होने की शिकायत मिली। शिकायतकर्ता किशोरी की बड़ी बहन थी, जिसने बताया कि उसकी छोटी बहन एक फरवरी की शाम को बिना किसी को बताए घर से चली गई थी। दो फरवरी को किशोरी ने फोन करके बताया कि वह हरिद्वार में है और दिल्ली आ रही है। इसके बाद किशोरी की बड़ी बहन ने उसे कश्मीरी गेट से लेकर घर ले आई।
हालांकि, तीन फरवरी को दोनों बहनें खरीदारी के लिए दिल्ली हाट गईं, जहां करीब दो बजे किशोरी फिर से बिना किसी सूचना के गायब हो गई। आस-पास तलाश करने पर भी जब किशोरी का कुछ पता नहीं चला, तो परिवार ने सरोजिनी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर किशोरी की तलाश शुरू की।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किशोरी की तलाश शुरू की। टीम ने सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया। इस बीच, किशोरी के भाई ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन ने अपना लैपटॉप बैग जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में एक लड़की के पास छोड़ा है। हालांकि, उस लड़की से किशोरी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
चार फरवरी को किशोरी ने अपने भाई को एक अनजान नंबर से फोन करके बताया कि वह कटरा, जम्मू में है। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। पुलिस ने उस नंबर पर कॉल किया और पता चला कि यह नंबर एक ऑटो चालक का है। पुलिस ने ऑटो चालक को पूरी बात बताई और उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा। साथ ही, जम्मू के पक्का ढांगा थाना को भी सूचना दी गई, जिसने किशोरी को खोज निकाला।
सरोजिनी नगर थाने की टीम ने ऑपरेशन मिलाप के तहत किशोरी को जम्मू से वापस लाने की योजना बनाई। किशोरी को सुरक्षित रूप से दिल्ली लाया गया और उसे वन स्टाप सेंटर, डाबरी में रखा गया। दक्षिणी पश्चिम पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि किशोरी को आगे की कार्रवाई और परामर्श के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
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इस घटना में किशोरी के बिना किसी को बताए घर से निकलने के कारणों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। कई बार युवा लड़कियां मानसिक तनाव, परिवारिक समस्याओं, या बाहरी प्रभावों के कारण ऐसे कदम उठा लेती हैं। इसलिए, परिवार और समाज को युवाओं की मानसिक स्थिति को समझने और उनके साथ संवाद बनाए रखने की आवश्यकता है।
इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ की सराहना की जानी चाहिए। पुलिस ने केवल 24 घंटे के भीतर किशोरी का पता लगाकर उसे सुरक्षित वापस लाने में सफलता हासिल की। यह पुलिस की कार्यक्षमता और जिम्मेदारी का उदाहरण है। सीसीटीवी विश्लेषण, अनजान नंबर से मिली सूचना का पता लगाना, और जम्मू पुलिस के साथ समन्वय करना, ये सभी कदम पुलिस की पेशेवर दक्षता को दर्शाते हैं।
किशोरी को सुरक्षित रूप से वन स्टाप सेंटर में रखा गया, जो महिलाओं और लड़कियों के लिए एक सुरक्षित स्थान है। यह केंद्र पीड़ितों को कानूनी सहायता, परामर्श और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है। किशोरी को यहां रखकर पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि उसे सही मार्गदर्शन और सहायता मिले।
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