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For the first time MLA and CM became: पहली बार बने विधायक और सिर पर सजा CM का ताज, देखे लिस्ट

For the first time MLA and CM became

For the first time MLA and CM became

For the first time MLA and CM became: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई है। बीजेपी ने इससे पहले भी कई बार नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंकाया है।

नए चेहरों पर भरोसा जताने की बीजेपी की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने देशभर में तेजी से विस्तार किया है और नए नेताओं को आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई है। 2014 के बाद से बीजेपी ने कई राज्यों में पहली बार विधायक बने नेताओं को मुख्यमंत्री बनाकर राजनीति की दिशा बदली है।

पहली बार विधायक बने और सीधे मुख्यमंत्री

रेखा गुप्ता से पहले भी कई ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्यमंत्री बनाया गया।

मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा)

2014 में हरियाणा में बीजेपी पहली बार सत्ता में आई और पहली बार विधायक बने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बना दिया गया। उन्होंने 10 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

बिप्लव कुमार देब (त्रिपुरा)

त्रिपुरा में 2018 में बीजेपी ने 25 साल के वामपंथी शासन को खत्म कर सरकार बनाई और पहली बार विधायक बने बिप्लव देब को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।

भूपेंद्र पटेल (गुजरात)

गुजरात में 2021 में विजय रूपाणी की पूरी सरकार को हटाकर पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह 2022 में फिर से मुख्यमंत्री बने।

भजनलाल शर्मा (राजस्थान)

राजस्थान में 2023 में बीजेपी की जीत के बाद भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया, जो पहली बार विधायक बने थे।

रेखा गुप्ता – दिल्ली की नई मुख्यमंत्री

रेखा गुप्ता का नाम भी अब उन नेताओं में शामिल हो गया है जो पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्यमंत्री बने हैं। दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी हुई और मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई दिग्गज नेताओं के नाम थे, लेकिन अंततः रेखा गुप्ता को चुना गया।

राजनीतिक सफर

रेखा गुप्ता ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी। वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव और अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इसके अलावा, उन्होंने तीन बार एमसीडी पार्षद के रूप में कार्य किया। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में वह हार गई थीं, लेकिन 2025 में तीसरी बार चुनाव लड़कर जीत दर्ज की और मुख्यमंत्री बनीं।

बीजेपी की नई लीडरशिप नीति

2014 के बाद बीजेपी ने जमीनी स्तर से नए नेताओं को उभारने की रणनीति अपनाई है। पार्टी ने अनुभवी नेताओं की जगह नए चेहरों को आगे लाने का प्रयास किया है, जिससे एक नई लीडरशिप उभरकर सामने आई है।

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बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है – नए चेहरों को मौका देना और नेतृत्व में बदलाव करना। रेखा गुप्ता की ताजपोशी भी इसी रणनीति का हिस्सा है। अब देखना होगा कि वह दिल्ली की राजनीति में क्या नया लेकर आती हैं और बीजेपी के लिए यह फैसला कितना सफल होता है।

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