Guillain Barre Syndrome
Gillian Barre Syndrome: गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नामक इम्युनोलॉजिकल नर्व डिसऑर्डर का प्रकोप पुणे में चिंता का विषय बन गया है। इस बीमारी से प्रभावित मरीजों की संख्या रविवार को 101 तक पहुंच गई, जिसमें 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। सोलापुर में इस बीमारी से पहली मौत होने की आशंका जताई गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि मृतक सोलापुर का निवासी था और हाल ही में पुणे की यात्रा पर गया था, जहां उसे यह संक्रमण होने की संभावना है।
पुणे में जीबीएस का सबसे अधिक प्रकोप देखा जा रहा है। 101 मामलों में से 16 मरीजों की हालत गंभीर है, और वे वेंटीलेटर सपोर्ट पर हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कदम उठाते हुए रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन किया है। पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (पीएमसी) और चिंचवाड़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा सर्विलांस बढ़ा दिया गया है। खासकर सिंघाद रोड क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि यहां अधिकतर मरीज पाए गए हैं।
अब तक राज्य के 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया गया है। इनमें से 15,761 घर पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत आते हैं, जबकि 3,719 घर चिंचवाड़ और 6,098 घर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन जागरूकता अभियान चला रहा है, जिसमें साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है।
गिलियन बैरे सिंड्रोम एक इम्युनोलॉजिकल नर्व डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नर्व सिस्टम पर हमला करती है। इसके लक्षणों में हाथ-पैर सुन्न होना, मांसपेशियों की कमजोरी, और डायरिया शामिल हैं। संक्रमण के बाद यह स्थिति उत्पन्न होती है और आमतौर पर यह बैक्टीरिया या वायरस के संपर्क में आने से होती है। इस बीमारी से रोगी की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है।
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जीबीएस से बच्चे और युवा अधिक प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर इलाज होने पर मरीजों की स्थिति में सुधार हो रहा है।
सरकार ने लोगों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। इसमें पीने के पानी को उबालकर इस्तेमाल करना, खाने में स्वच्छता बनाए रखना, और सब्जियों को अच्छी तरह उबालने की बात कही गई है। इसके साथ ही, जिन क्षेत्रों में जीबीएस के मामले सामने आ रहे हैं, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग लगातार इस बीमारी पर नजर रख रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया गया है। पुणे में रैपिड रेस्पॉन्स टीम मरीजों को तत्काल सहायता प्रदान कर रही है
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