Himachal Pradesh में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और नदी-नालों के जलस्तर में भारी वृद्धि के कारण स्थिति चिंताजनक हो गई है। कई क्षेत्रों में सड़कों पर मलबा गिरने से यातायात बाधित हुआ है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कुल्लू से संपर्क कटा, सैकड़ों वाहन फंसे
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी जिले के बनाला क्षेत्र में पहाड़ी दरकने से कुल्लू जिले का संपर्क बाकी हिस्सों से कट गया है। इससे सैकड़ों वाहन विभिन्न स्थानों पर फंस गए हैं। प्रशासन द्वारा राहत कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन लगातार हो रही वर्षा के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
कांगड़ा में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात
कांगड़ा जिले के लोहारड़ी में बादल फटने से ऊहल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इस कारण बरोट बांध के गेट खोलने पड़े, जिससे निचले क्षेत्रों में पानी का बहाव तेज हो गया। इस प्राकृतिक आपदा का असर शानन और बस्सी पनविद्युत परियोजनाओं पर भी पड़ा है, जिससे बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है।
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर हादसा, निजी बस पलटी
लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कें खतरनाक हो गई हैं। इसी बीच मनाली से पठानकोट जा रही एक निजी बस कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बनाला के पास हादसे का शिकार हो गई। यह दुर्घटना तब हुई जब बस के ऊपर अचानक पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरने लगे।
बस में चालक जसवंत सिंह, परिचालक अंकुश और दो अन्य यात्री सवार थे। अचानक हुए इस हादसे में बस अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे चारों लोग घायल हो गए। घायलों को नगवांई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए हैं।

भूस्खलन और जलभराव से बढ़ी मुश्किलें
भारी वर्षा के कारण ब्यास और ऊहल नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। डयोड क्षेत्र में एक बार फिर बड़ा गड्ढा पड़ गया है, जिससे निर्माणाधीन सुरंगों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। लोहारड़ी क्षेत्र में बादल फटने से अचानक ऊहल नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए हैं।
बरोट बांध के गेट खोलने के बाद पानी के तेज बहाव ने कई गांवों को प्रभावित किया है। जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे न जाने की सलाह दी है। बिजली आपूर्ति भी ठप होने से कई इलाकों में अंधेरा छाया हुआ है।
कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान
लगातार हो रही बारिश से कृषि क्षेत्र को भी गंभीर नुकसान हुआ है। खेतों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है, जिससे सब्जियों और गेहूं की फसलें बर्बाद हो रही हैं। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं। किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
शिवरात्रि महोत्सव पर भी पड़ा असर
मंडी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव पर भी बारिश का असर पड़ा है। लगातार हो रही बारिश के कारण मंदिरों और सरायों में ठहरे देवी-देवताओं के रथ बाहर नहीं निकल सके, जिससे महोत्सव के कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं। श्रद्धालुओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन अलर्ट, लोगों से सतर्क रहने की अपील
राज्य प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है और स्थानीय निवासियों तथा यात्रियों को सुरक्षित रहने की सलाह दी है। कुल्लू और मंडी जिलों में कई जगह यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
ये भी पढ़े:-Assembly Elections 2025: नई दिल्ली सीट से केजरीवाल को मिली हार, CM आतिशी ने मारी बाजी
जिला प्रशासन ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में लोगों को न जाने की चेतावनी दी है। राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश से मुश्किलें बढ़ रही हैं। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और हर संभव मदद उपलब्ध कराने के प्रयास कर रहा है।