भारतीय सेना दिवस पहली बार 15 जनवरी 1949 को मनाया गया, जब फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली। यह दिन भारतीय सेना की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। करियप्पा भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ बने और उन्होंने सेना में अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को सुदृढ़ किया।
भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सशक्त सेनाओं में से एक है। इसकी संरचना तीन प्रमुख भागों में विभाजित है:
सेना के पास अत्याधुनिक हथियार, उपकरण और प्रशिक्षण प्रणाली है। भारत में रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए “मेक इन इंडिया” पहल के तहत सेना को लगातार उन्नत किया जा रहा है।
भारतीय सेना का इतिहास शौर्य, बलिदान और अद्वितीय साहस से भरा हुआ है। चाहे वह 1947-48 का भारत-पाक युद्ध हो, 1965 और 1971 के युद्ध हों, या फिर 1999 का करगिल युद्ध, भारतीय सेना ने हर बार अपनी वीरता का परिचय दिया है।
सर्जिकल स्ट्राइक और आतंकवाद विरोधी अभियान: हाल के वर्षों में सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी कुशलता का परिचय दिया है। 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक इसकी मिसाल हैं। इन अभियानों ने दुनिया को भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता और दृढ़ संकल्प दिखाया।
भारतीय सेना न केवल युद्ध के मैदान में बल्कि आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता में भी अग्रणी रही है। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ और चक्रवात के दौरान सेना ने लाखों लोगों की जान बचाई है। 2025 में, सेना ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन में नई तकनीकों को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
2025 तक भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। महिलाओं को स्थायी कमीशन और युद्ध भूमिकाओं में शामिल किया गया है। यह भारतीय समाज में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
हर साल सेना दिवस एक विशेष थीम के तहत मनाया जाता है। 2025 की थीम है: “सशक्त सेना, सशक्त भारत”। यह थीम सेना के आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा में उसकी भूमिका को रेखांकित करती है। इस अवसर पर विभिन्न परेड, प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
2025 में भारतीय सेना के सामने साइबर युद्ध, ड्रोन हमले और अंतरिक्ष आधारित खतरों जैसी नई चुनौतियां उभरी हैं। सेना इन चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और रणनीतियों को अपना रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और साइबर सुरक्षा में किए जा रहे निवेश ने सेना की ताकत को और बढ़ाया है।
भारतीय सेना दिवस युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दिन न केवल हमें सेना के बलिदान और त्याग की याद दिलाता है, बल्कि युवाओं को देशभक्ति और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित भी करता है।
भारतीय सेना दिवस 2025 केवल एक समारोह नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक है। यह हमें सेना के अद्वितीय योगदान और देश की रक्षा में उसकी भूमिका की याद दिलाता है। भारतीय सेना के शौर्य, समर्पण और बलिदान को नमन करते हुए, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश की रक्षा और प्रगति में योगदान देंगे।
In today's rapidly advancing educational landscape, the need for trusted, comprehensive, and easily accessible sources…
Auto-generated excerpt