India's Got Latent Case
India’s Got Latent Case: यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया अपने रोस्ट शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ पर की गई टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। हालांकि, उन्होंने अपनी अभद्र टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है, लेकिन उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। आईटी की संसदीय समिति इलाहाबादिया को समन भेजने पर विचार कर रही है। उन्हें एक नोटिस जारी किया जा सकता है, जिसमें उस टिप्पणी से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए समिति के सामने पेश होने को कहा जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, आईटी एवं कम्युनिकेशन मामलों की संसदीय समिति इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव और आईटी मंत्रालय के सचिव को भी तलब कर सकती है। कमेटी इस मुद्दे पर कार्रवाई के निर्देश देने पर विचार कर रही है।
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रणवीर इलाहाबादिया की इसी टिप्पणी को लेकर मुंबई और गुवाहाटी में उनके और उनके दोस्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पुलिस ने इलाहाबादिया, यूट्यूबर आशीष चंचलानी, कॉमेडियन जसप्रीत सिंह, मखीजा, रैना और अन्य के खिलाफ अश्लीलता को बढ़ावा देने और अश्लील चर्चा में शामिल होने के लिए एफआईआर दर्ज की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हर किसी को बोलने की आज़ादी है, लेकिन यह आज़ादी तब खत्म हो जाती है जब हम दूसरों की आज़ादी का हनन करने लगते हैं। हर किसी की सीमाएं होती हैं, अगर कोई उन्हें पार करता है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।”
शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे को संसद में उठाने की बात कही है। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “कॉमेडी कंटेंट के नाम पर सीमाएं पार करने वाली कोई भी अभद्र भाषा स्वीकार्य नहीं है। आपको एक मंच मिलता है, इसका मतलब यह नहीं कि आप कुछ भी कह सकते हैं। यह व्यक्ति लाखों सब्सक्राइबर्स तक अपनी बात पहुंचाते हैं और राजनीतिक हस्तियां उनके पॉडकास्ट में इंटरव्यू देती हैं। प्रधानमंत्री ने भी उन्हें एक पुरस्कार दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की स्थायी समिति के सदस्य के रूप में, मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊंगी।”
बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा, जो आईटी पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य हैं, ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ANI से बात करते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। उन्होंने आगे कहा कि इस विषय को लेकर जल्द ही समिति की बैठक आयोजित की जाएगी और उचित कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
इस पूरे विवाद के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि संसदीय समिति और संबंधित मंत्रालय इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और यूट्यूब पर कंटेंट मॉडरेशन को लेकर किस तरह की नई नीतियां बनाई जाती हैं।
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