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Jangpura Assembly Election 2025: उम्मीदवार, जनता का मूड और क्या कहता है चुनावी समीकरण

Jangpura Assembly Election 2025

Jangpura Assembly Election 2025

Jangpura Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जंगपुरा विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यह सीट राजधानी की प्रमुख सीटों में से एक है, जहां इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस तीनों ने अपने मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

कितने उम्मीदवार लड़ रहे हैं?

इस बार जंगपुरा विधानसभा सीट से कुल तीन प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं:

  1. मनीष सिसोदिया (आम आदमी पार्टी – आप): आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस बार जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह पटपड़गंज से विधायक थे, लेकिन शराब नीति घोटाले में जेल जाने के बाद उन्होंने अपनी सीट बदली है।
  2. तरविंदर सिंह मारवाह (भारतीय जनता पार्टी – भाजपा): पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर तीन बार विधायक रह चुके मारवाह 2022 में भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें इस बार जंगपुरा से टिकट दिया है।
  3. फरहाद सूरी (कांग्रेस): दिल्ली के पूर्व मेयर और वरिष्ठ नेता फरहाद सूरी इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। उनकी मां ताजदार बाबर भी कांग्रेस की कद्दावर नेता रह चुकी हैं।

इन तीनों प्रमुख उम्मीदवारों के अलावा कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला इन्हीं तीन दलों के बीच है।

जंगपुरा का चुनावी इतिहास

जंगपुरा विधानसभा सीट पर 1993 से 2008 तक कांग्रेस का दबदबा रहा। 2013 में आम आदमी पार्टी ने यहां पहली बार जीत दर्ज की और तब से यह सीट आप के कब्जे में है। 2020 के चुनाव में आप के प्रत्याशी प्रवीण कुमार ने यह सीट जीती थी।

पिछले चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो:

इस बार का चुनाव इस सीट के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मनीष सिसोदिया का नाम यहां नया है और उनकी छवि भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण प्रभावित हुई है।

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जनता का मूड क्या कहता है?

जंगपुरा में कुल मतदाताओं की संख्या 1,42,634 है, जिसमें:

जनता का मूड इस बार विभाजित नजर आ रहा है। आप सरकार की उपलब्धियों, भाजपा की आक्रामक रणनीति और कांग्रेस की वापसी की कोशिशों के बीच मतदाता निर्णय लेने की स्थिति में हैं।

आप (AAP) को समर्थन क्यों और क्यों नहीं?

आप सरकार की मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं से लोग संतुष्ट हैं।दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के कारण मनीष सिसोदिया की अच्छी छवि थी।शराब नीति घोटाले का मामला आप के खिलाफ जा सकता है।आप के वर्तमान विधायक के कार्यों को लेकर कुछ असंतोष भी है।

भाजपा (BJP) को समर्थन क्यों और क्यों नहीं?

मोदी सरकार की लोकप्रियता भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।तरविंदर मारवाह स्थानीय राजनीति में अनुभवी हैं।भाजपा दिल्ली नगर निगम में सत्ता में होने के बावजूद स्थानीय मुद्दों को सुलझाने में विफल रही है।जंगपुरा में भाजपा के प्रति पारंपरिक समर्थन कम रहा है।

कांग्रेस (INC) को समर्थन क्यों और क्यों नहीं?

फरहाद सूरी का मुस्लिम और पारंपरिक कांग्रेस समर्थकों में अच्छा प्रभाव है।महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस जनता को प्रभावित कर सकती है।दिल्ली में कांग्रेस का संगठन कमजोर हो चुका है।युवा मतदाता कांग्रेस की ओर ज्यादा आकर्षित नहीं हो रहे हैं।

चुनावी समीकरण और संभावित परिणाम

त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना

इस बार के चुनाव में तीनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है।

संभावित वोट प्रतिशत (अनुमानित)

  1. आप – 40-45%
  2. भाजपा – 30-35%
  3. कांग्रेस – 20-25%

हालांकि, अंतिम नतीजे चुनाव प्रचार के आखिरी चरणों पर निर्भर करेंगे।

जंगपुरा विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। आम आदमी पार्टी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रही है, भाजपा इस सीट को अपने खाते में डालने की कोशिश कर रही है, और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन फिर से पाने के लिए मजबूती से मैदान में डटी है।

जनता का मूड फिलहाल पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह साफ है कि मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के दिल्ली चुनाव में जंगपुरा की जनता किस पार्टी को समर्थन देती है।

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