Jasprit Bumrah ने हाल ही में आईसीसी मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए प्रतिष्ठित सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार क्रिकेट जगत में सबसे बड़े सम्मानों में से एक माना जाता है। बुमराह ने इस साल इंग्लैंड के हैरी ब्रूक, जो रूट और ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए यह खिताब अपने नाम किया। यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी गर्व का क्षण है।
जसप्रीत बुमराह का सफर
जसप्रीत बुमराह का जन्म 6 दिसंबर 1993 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत घरेलू क्रिकेट से की और जल्द ही अपनी तेज गेंदबाजी और यॉर्कर की मदद से राष्ट्रीय टीम में जगह बना ली। बुमराह ने 2016 में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया और उसके बाद से वह भारतीय टीम के अहम हिस्से बन गए। उनकी गेंदबाजी की खासियत उनकी सटीकता, गति और विविधता है। वह न केवल टी20 बल्कि टेस्ट और वनडे क्रिकेट में भी अपनी प्रभावी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं।
सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार का महत्व
सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। इस पुरस्कार का नाम वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर सर गारफील्ड सोबर्स के नाम पर रखा गया है। सोबर्स को क्रिकेट इतिहास के सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। यह पुरस्कार पहली बार 2004 में दिया गया था और तब से यह क्रिकेटरों के लिए सबसे बड़े सम्मानों में से एक बन गया है।
भारतीय खिलाड़ियों का इतिहास
जसप्रीत बुमराह से पहले भारत के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने इस पुरस्कार को जीता है। राहुल द्रविड़ पहले भारतीय थे जिन्हें 2004 में यह पुरस्कार मिला। इसके बाद सचिन तेंदुलकर को 2010 में, रविचंद्रन अश्विन को 2016 में और विराट कोहली को लगातार दो साल 2017 और 2018 में यह सम्मान मिला। विराट कोहली ने इस पुरस्कार को दो बार जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था। लेकिन बुमराह ने यह पुरस्कार जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है क्योंकि वह पहले भारतीय तेज गेंदबाज हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है।
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बुमराह का प्रदर्शन
जसप्रीत बुमराह ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 फॉर्मेट में अपनी गेंदबाजी से विपक्षी टीमों को परेशान किया। उनकी गेंदबाजी की खासियत यह है कि वह हर फॉर्मेट में समान रूप से प्रभावी हैं। उन्होंने कई मैचों में अपनी गेंदबाजी से भारत को जीत दिलाई। उनकी यही लगातार अच्छी प्रदर्शन ने उन्हें आईसीसी मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर के खिताब के लिए चुना गया।
भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण
जसप्रीत बुमराह का यह सम्मान न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय तेज गेंदबाज को यह पुरस्कार मिला है। इससे पहले यह सम्मान केवल बल्लेबाजों और ऑलराउंडरों को मिला था। बुमराह ने यह साबित कर दिया है कि एक तेज गेंदबाज भी अपने प्रदर्शन से इस तरह के बड़े सम्मान को हासिल कर सकता है।
जसप्रीत बुमराह का सर गारफील्ड सोबर्स पुरस्कार जीतना भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल है। उन्होंने न केवल अपने प्रदर्शन से यह सम्मान हासिल किया बल्कि यह भी साबित कर दिया कि एक तेज गेंदबाज भी क्रिकेट के सबसे बड़े सम्मान को जीत सकता है।
उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय क्रिकेट के लिए प्रेरणादायक है। भविष्य में भी बुमराह से भारतीय क्रिकेट को बहुत उम्मीदें हैं और उम्मीद है कि वह इसी तरह अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को कई और जीत दिलाते रहेंगे।