Jharkhand Assistant Teacher Recruitment: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें झारखंड में सहायक शिक्षक पदों की भर्ती प्रक्रिया में पड़ोसी राज्यों से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) या शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करने वाले उम्मीदवारों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। इस फैसले के बाद अब केवल झारखंड के राज्य टीईटी धारक ही भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि झारखंड के महाधिवक्ता की रियायत के आधार पर दिया गया झारखंड हाईकोर्ट का विवादित फैसला भर्ती प्रक्रिया के पहले से तय नियमों को बदलने के समान है। चूंकि भर्ती प्रक्रिया जुलाई 2023 में शुरू हो चुकी थी, ऐसे में नियमों में बदलाव करना उचित नहीं होगा।
भर्ती प्रक्रिया पर प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले या नियमों में संशोधन के आधार पर आवेदन किया था, वे 2023 की भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र नहीं होंगे। इसका मतलब है कि केवल झारखंड राज्य द्वारा आयोजित STET (State Teacher Eligibility Test) पास करने वाले उम्मीदवार ही इस प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इससे उन उम्मीदवारों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने CTET के आधार पर आवेदन किया था।
याचिकाकर्ताओं की दलीलें
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि झारखंड सरकार की निष्क्रियता के कारण लगभग 3-4 लाख उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय पर परीक्षा आयोजित न करने या CTET को समकक्ष मान्यता न देने से कई योग्य उम्मीदवारों को अवसर नहीं मिल पाया।
हाईकोर्ट का पूर्व फैसला
झारखंड हाईकोर्ट ने अपने फैसले में दिशा-निर्देशों के खंड 10 का हवाला दिया था, जो किसी भी राज्य को अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के टीईटी प्रमाणपत्र धारकों को पात्रता देने की अनुमति देता है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि झारखंड राज्य ने कई वर्षों से STET आयोजित नहीं किया है, जिससे राज्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
राज्य सरकार की स्थिति
झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी कि वह सीटीईटी धारकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए यह शर्त होगी कि नियुक्ति के तीन वर्षों के भीतर उन्हें झारखंड का STET पास करना होगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और भर्ती प्रक्रिया को केवल झारखंड STET धारकों तक सीमित कर दिया।
भविष्य की संभावनाएं
इस फैसले के बाद झारखंड सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि STET का आयोजन नियमित रूप से किया जाए ताकि राज्य के इच्छुक अभ्यर्थियों को समय पर अवसर मिल सके।
इस फैसले से झारखंड के स्थानीय उम्मीदवारों को तो लाभ होगा, लेकिन उन उम्मीदवारों के लिए यह एक झटका है जो CTET पास कर चुके थे और झारखंड में शिक्षक बनने की उम्मीद कर रहे थे