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Maha Kumbh Stampede: महाकुंभ में श्रद्धालुओं का सैलाब, भगदड़ के बाद लोगों को निकालने के लिए रेलवे की सौगात

Maha Kumbh Stampede

Maha Kumbh Stampede

Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज में महाकुंभ अपने चरम पर है और शाही स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार से ही संगम तट पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है, और प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी लोग लगातार यहां पहुंच रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि आज 7 से 8 करोड़ श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर सकते हैं। प्रयागराज की सड़कें, रेलवे स्टेशन और मैला क्षेत्र पूरी तरह से भक्तों से पट चुके हैं।

भगदड़ के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अटूट

मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब एक बजे महाकुंभ में भगदड़ मच गई, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा। लाखों लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। शाही स्नान के दौरान अखाड़ों की परंपरागत शोभायात्राएं भी संगम तट पर जारी हैं, जिससे भक्तों का उत्साह बरकरार है।

रेलवे का विशेष प्रबंधन

भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने विशेष योजना तैयार की है। आज प्रयागराज के स्टेशनों से 360 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो सिर्फ यात्रियों को प्रयागराज से बाहर ले जाने का काम करेंगी। यानी, आज किसी भी स्पेशल ट्रेन को प्रयागराज आने की अनुमति नहीं दी गई है। पिछले दिनों तक प्रयागराज के लिए चल रही विशेष ट्रेनों को अब बाहर जाने के लिए निर्देशित किया गया है। हालाँकि, रेगुलर ट्रेनों का संचालन अपने निर्धारित समय के अनुसार ही होगा।

Maha Kumbh Stampede

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारियां

शाही स्नान के दौरान और भगदड़ की घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। पूरे प्रयागराज में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बाहरी जिलों से प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को अस्थायी रूप से रोका जा रहा है, ताकि पहले से मौजूद भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। जब तक संगम क्षेत्र में भीड़ कम नहीं होती, तब तक नए श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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संगम पर उमड़ी भीड़

संगम तट पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। शाही स्नान को लेकर संत-महात्माओं और अखाड़ों की पारंपरिक शोभायात्रा देखने के लिए भी लोग भारी संख्या में संगम क्षेत्र में मौजूद हैं। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महाकुंभ की आस्था पर किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति का असर नहीं पड़ता।

प्रशासन की अपील

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बनाए रखें और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अधिक सतर्कता बरतें। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और संगम तट पर अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं भी यात्रियों की सहायता के लिए आगे आई हैं।

महाकुंभ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के साथ भाग लेते हैं। हाल ही में हुई भगदड़ की घटना के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग बनी हुई है। प्रशासन की ओर से भीड़ नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए गए हैं, ताकि महाकुंभ का यह पावन पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।

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