Mauni Amavasya के पावन अवसर पर प्रयागराज के लिए भारतीय रेलवे ने श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी कर ली है। इस दिन प्रयागराज में नौ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है, जिसमें बड़ी संख्या में यात्री रेल मार्ग से पहुंचेंगे। रेलवे ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए 150 से अधिक विशेष मेलों की ट्रेनों की योजना बनाई है। ये ट्रेनें श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक शीघ्र और सुरक्षित रूप से पहुंचाने में सहायक होंगी।
प्रयागराज मंडल की विशेष भूमिका
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में इस अभियान की प्रमुख भूमिका है। मंडल के चार प्रमुख स्टेशन – प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी और नैनी – विशेष ट्रेनों के संचालन के केंद्र होंगे। रेलवे ने मकर संक्रांति पर 101 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन करके एक रिकॉर्ड कायम किया था। मौनी अमावस्या पर इसे और अधिक पार करते हुए, हर चार मिनट पर एक विशेष ट्रेन चलाई जाएगी। इस ऐतिहासिक व्यवस्था के लिए रेलवे ने 29 नियमित ट्रेनों को रद्द कर ट्रैक को खाली रखने का निर्णय लिया है।
कलर कोडिंग आधारित टिकट और ठहरने की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने कलर कोडिंग आधारित टिकट और अतिरिक्त आश्रय स्थलों का प्रबंध किया है। यह प्रणाली यात्रियों को उनके प्लेटफार्म और ट्रेनों तक पहुंचने में सहायता करेगी। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि यह व्यवस्था भीड़ प्रबंधन और यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए की गई है।
2019 के रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी
कुंभ 2019 में मौनी अमावस्या के अवसर पर 85 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था। इस बार मकर संक्रांति पर उस रिकॉर्ड को तोड़ दिया गया और अब मौनी अमावस्या पर उससे भी अधिक ट्रेनों का संचालन होगा। रेलवे के अधिकारी इस बात को सुनिश्चित कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
अधिकतम ट्रेनों का संचालन: जीएम और डीआरएम को अधिकार
रेल राज्यमंत्री वी. सोमन्ना ने प्रयागराज जंक्शन पर निरीक्षण के दौरान बताया कि जीएम और डीआरएम को अधिकतम विशेष ट्रेनों के संचालन का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर 400 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। निरीक्षण के दौरान रेल राज्यमंत्री ने मिनी अस्पताल, यात्री आश्रय स्थल, कंट्रोल टावर और स्टेशनों की लाइव फुटेज देखी। उन्होंने महिला कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें “थैंक्यू अम्मा” कहकर सम्मानित किया।
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प्रबंधन और तकनीकी सुविधाओं का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान रेल राज्यमंत्री ने मकर संक्रांति पर रेलवे की सफलता की प्रशंसा की और मौनी अमावस्या की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कर्मचारियों से हिंदी में संवाद किया और यात्रियों से उनकी राय और सुझाव मांगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन की कार्यप्रणाली का भी अवलोकन किया।
विशेष व्यवस्थाएं और सुझाव
रेल राज्य मंत्री ने स्नान पर्व पर कर्मचारियों की ड्यूटी का समय 12 घंटे से घटाकर आठ घंटे करने का सुझाव दिया। उन्होंने क्विक रिस्पांस टीमों और तकनीक के उपयोग की प्रशंसा की और भीड़ प्रबंधन की प्रक्रियाओं को समझा।
प्रयागराज बनाम मैसूर दशहरा
रेल राज्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक के मैसूर दशहरे में सबसे अधिक भीड़ होती है, लेकिन प्रयागराज में हर दिन मैसूर दशहरे से अधिक भीड़ देखने को मिलती है। यह तथ्य रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है, जिसे वह कुशलता से पूरा कर रहा है।
रेलवे का समर्पण
रेलवे ने स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंधन और तैयारियां की हैं। 150 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन करना न केवल रेलवे की क्षमता और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि भारतीय रेलवे विश्व स्तर पर भीड़ प्रबंधन में अग्रणी है।
मौनी अमावस्या के इस पावन अवसर पर रेलवे का यह प्रयास श्रद्धालुओं के अनुभव को अविस्मरणीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।