Nigeria suicide attack: नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हुए जिहादी फिदायीन हमले ने एक बार फिर से इस क्षेत्र में सक्रिय इस्लामिक आतंकवाद की गंभीरता को उजागर किया है। इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रांत (ISWAP) के आतंकवादियों के खिलाफ एक सैन्य अभियान के दौरान यह हमला हुआ। इसमें कम से कम 27 नाइजीरियाई सैनिक मारे गए, जिनमें एक सैन्य कमांडर भी शामिल था, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। यह हमला न केवल नाइजीरियाई सेना के लिए बल्कि पूरे क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के लिए एक बड़ा झटका है।
हमला कैसे हुआ?
यह हमला बर्नो और योबे राज्यों के बीच स्थित एक बंजर क्षेत्र में हुआ। तिंबकटू त्रिकोण के नाम से पहचाने जाने वाले इस इलाके को पहले बोको हराम के आतंकवादियों का गढ़ माना जाता था। घटना के दौरान, आतंकवादियों ने एक आत्मघाती हमलावर का उपयोग किया, जिसने विस्फोटकों से भरे वाहन को सैनिकों के काफिले के बीच टक्कर मारी। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला रात के समय हुआ, जब दृश्यता कम थी, जिससे सैनिकों के लिए खतरे का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो गया।
ISWAP की भूमिका
इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रांत (ISWAP) ने, जो ISIS से जुड़ा हुआ संगठन है, इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है। ISWAP और बोको हराम जैसे संगठन लंबे समय से नाइजीरिया और उसके आसपास के देशों में आतंक फैलाते रहे हैं। हालांकि बोको हराम से अलग होने के बाद, ISWAP ने अपने हमलों को अधिक संगठित और लक्षित बनाया है। इस समूह का उद्देश्य पश्चिम अफ्रीका में इस्लामिक शासन स्थापित करना है, जिसके लिए वे नाइजीरियाई सेना और नागरिकों को लगातार निशाना बना रहे हैं।
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सैनिकों को निशाना बनाने की रणनीति
यह हमला हाल के वर्षों में नाइजीरियाई सेना पर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक है। आत्मघाती हमलावरों और विस्फोटकों का उपयोग ISWAP की परिचित रणनीति बन चुकी है। यह आतंकवादी समूह घने जंगलों और दुर्गम इलाकों में छिपकर सैनिकों पर हमला करता है, जिससे जवाबी कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
मौजूदा स्थिति और प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद, सेना ने घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ घायल सैनिकों की स्थिति गंभीर है, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इस हमले ने सेना की खुफिया और सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।