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Power Crisis In Bangladesh: बांग्लादेश में होगा अंधेरा, बिजली बिल देने का भी नहीं है पैसा

Power Crisis In Bangladesh

Power Crisis In Bangladesh

Power Crisis In Bangladesh: बांग्लादेश की वर्तमान आर्थिक स्थिति गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, विशेषकर बिजली आपूर्ति और वित्तीय स्थिरता के क्षेत्रों में। नवंबर 2024 में, अडानी समूह ने बकाया भुगतान न होने के कारण बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति में कटौती की थी, जिससे देश को महंगे तरल ईंधन आधारित बिजली संयंत्रों पर निर्भर होना पड़ा। बकाया राशि के निपटान के लिए बांग्लादेश ने नए क्रेडिट पत्र जारी किए हैं और भुगतान बढ़ाने के प्रयास किए हैं।

अंतरिम सरकार के नेतृत्व में, बांग्लादेश ने संयुक्त राज्य अमेरिका से आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए समर्थन मांगा है। सितंबर 2024 में, अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने तकनीकी और वित्तीय सहायता की पेशकश की, जिसमें USAID द्वारा $200 मिलियन की सहायता शामिल है।

इसके अतिरिक्त, यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) ने बांग्लादेश के लिए अपने फंड को दोगुना करने की योजना बनाई है, जिससे देश के बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी। हालांकि, EIB ने मानवाधिकार, कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी चिंता व्यक्त की है।

बिजली आपूर्ति के मुद्दों के समाधान के लिए, बांग्लादेश ने अडानी पावर के साथ अपने समझौतों की समीक्षा शुरू की है, जिसमें कर लाभों के हस्तांतरण और बिजली की कीमतों पर पुनर्विचार शामिल है। दिसंबर 2024 में, बांग्लादेश ने अडानी पावर पर कर लाभों को साझा न करने का आरोप लगाया, जो समझौते का उल्लंघन माना जा रहा है।

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इन चुनौतियों के बीच, बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) से $5 बिलियन की अतिरिक्त सहायता की मांग की जा रही है। इसके साथ ही, देश के ऊर्जा समझौतों की पारदर्शिता और लागत-प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए उनकी समीक्षा की जा रही है।

इन प्रयासों के बावजूद, बांग्लादेश को आगामी गर्मियों में बढ़ती बिजली मांग के साथ गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है, जो देश की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव डाल सकता है।

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