Shamli encounter
Shamli encounter: शामली में हुए एक बड़े एनकाउंटर में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अदम्य साहस का परिचय दिया। इस मुठभेड़ में एक लाख के इनामी अरशद समेत चार बदमाश मारे गए। यह घटना सोमवार रात चौसाना-गंगोह मार्ग पर हुई, जहां बदमाशों की कार को एसटीएफ ने घेर लिया था। बदमाशों ने कारबाइन, पिस्टल और तमंचे से ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार को तीन गोलियां लगीं। पहली गोली उनके सीने में लगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने बायां हाथ सीने पर रखकर दाएं हाथ से एके-47 से गोलियां चलानी जारी रखीं। उनके साहस ने एसटीएफ टीम को समय दिया, जिससे जवाबी कार्रवाई में चारों बदमाश ढेर हो गए।
एसटीएफ टीम ने बताया कि बदमाशों के पास कारबाइन, 32 बोर की पिस्टल, तमंचा और पौना बंदूक जैसे घातक हथियार थे। सबसे पहले इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बदमाशों को आत्मसमर्पण के लिए ललकारा, लेकिन बदमाशों ने गोलीबारी बंद नहीं की। तीसरी गोली सुनील के लीवर में जाकर फंस गई थी, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई।
गोली लगने के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को गंभीर हालत में गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद बुधवार दोपहर 2:30 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
मूल रूप से मसूरी गांव के निवासी इंस्पेक्टर सुनील कुमार 52 वर्ष के थे। 1990 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद से भर्ती हुए सुनील ने 1997 में मानेसर स्थित अकादमी से कमांडो का प्रशिक्षण लिया। 2009 में एसटीएफ में तैनाती के बाद उन्होंने कई बड़े मामलों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी बहादुरी के कारण उन्हें कई बार पदोन्नत किया गया।
इंस्पेक्टर सुनील ने अपने करियर में कई खतरनाक अपराधियों को गिरफ्तार किया। 2023 में उन्होंने अनिल दुजाना को मार गिराया था। 30 मई 2024 को उन्होंने लोनी बॉर्डर पर पचास हजार के इनामी राहुल को गिरफ्तार किया। 8 अक्तूबर 2021 को उन्होंने पचास हजार के इनामी नवीन को गौतमबुद्धनगर से पकड़ा था। इसके अलावा, उन्होंने आईएसआई एजेंट कलीम की गिरफ्तारी में भी अहम भूमिका निभाई थी।
सुनील कुमार के निधन की खबर से उनके गांव और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। मसूरी गांव में उनके बड़े भाई अनिल खेती करते हैं। सुनील की पत्नी मुनेश देवी, बेटा मंजीत और बेटी नेहा चौधरी हैं। मंजीत पोस्ट ग्रेजुएट हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। सुनील के निधन की खबर सुनते ही गांव के लोग उनके घर पहुंचने लगे। उनका स्वभाव मिलनसार था, जिससे ग्रामीणों में उनके प्रति गहरी संवेदना है।
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मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों में सहारनपुर के गंगोह निवासी अरशद, सोनीपत के मंजीत उर्फ बिल्ला, करनाल के अशोक विहार निवासी सतीश और मनवीर शामिल थे। इनमें अरशद मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर था। इन बदमाशों ने लूटपाट और हत्या जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया था।
एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि बदमाशों को पकड़ने के लिए दो टीम बनाई गई थीं। इंस्पेक्टर सुनील कुमार एक टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी सूझबूझ और हौसले के कारण मुठभेड़ सफल रही। यह एनकाउंटर पुलिस की साहसिक कार्रवाई का उदाहरण है।
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