Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme: सोना खरीदना आम आदमी के लिए अब मुश्किल हो गया है. रोज बढ़ते सोने के दाम ने लोगों को परेशान कर दिया है. इसी बीच सरकार एक ऐसा फैसला लेने वाली है, जिसकी वजह से आम आदमी सीधे-सीधे प्रभावित होगा.
दरअसल, शनिवार को बजट के बाद जब वित्त मंत्री से मीडिया ने एसजीबी स्कीम पर सवाल किया तो वित्त मंत्री की तरफ से जवाब आया कि सरकार इस स्कीम को बंद करने की राह पर है. चलिए, जानते हैं कि आखिर ये स्कीम है क्या और इसके बंद होने की वजह से कैसे आम आदमी को सस्ता सोना मिलना बंद हो जाएगा.
कौन सी है ये स्कीम
हम जिस स्कीम की बात कर रहे हैं, उसे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम कहते हैं. यह स्कीम केंद्र सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य आम लोगों को बाजार की कीमत से सस्ते दरों पर सोना देना था. इसके अलावा, इस स्कीम के तहत सरकार फिजिकल गोल्ड की खरीद को कम करने और डिजिटल सोने में निवेश को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रहा थी.
हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को इस योजना के तहत उधारी पर अधिक ब्याज देना पड़ रहा है, जिससे उसका वित्तीय बोझ बढ़ रहा है. यही वजह है कि सरकार इस योजना को बंद करने की राह पर है.
निवेशकों को हो रहा था तगड़ा फायदा
भले ही इस स्कीम के तहत सरकार की उधारी लागत में बढ़ोतरी हो रही थी और यह योजना सरकार के लिए महंगी साबित हो रही थी. लेकिन, आम निवेशकों को इस योजना से तगड़ा रिटर्न मिल रहा था. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में, SGB स्कीम ने निवेशकों को 160 फीसदी तक का रिटर्न दिया था. हालांकि, अब इसे जारी रखना सरकार के लिए आर्थिक नजरिए से कठिन हो गया है.
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निवेशकों के लिए नई योजनाएं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को भले ही सरकार बंद करने वाली है, लेकिन सरकार दूसरी नई योजनाओं पर विचार कर रही है, जिनमें सोने के ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट शामिल हैं. ये योजनाएं निवेशकों को सोने में निवेश करने के लिए एक सुरक्षित और सरल तरीका उपलब्द्ध कराते हैं. इसके साथ ही, सरकार सोने के आयात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भी उपाय कर सकती है, ताकि घरेलू बाजार में सोने की कीमतें स्थिर रहें.