TCCCPR
TCCCPR: पिछले कुछ वर्षों में स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या ने भारत में टेलीकॉम उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। यह समस्या न केवल उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को प्रभावित करती है, बल्कि उनके दैनिक जीवन में भी बाधा डालती है। स्पैम कॉल्स और मैसेज के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को अनचाहे प्रमोशनल ऑफर्स, फ्रॉड और स्कैम से जुड़ी जानकारी मिलती है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें नए नियम, जुर्माना और तकनीकी समाधान शामिल हैं।
स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण टेलीकॉम कंपनियों और टेलीमार्केटर्स द्वारा उपयोगकर्ताओं के डेटा का दुरुपयोग है। स्पैमर्स उपयोगकर्ताओं के नंबरों को इकट्ठा करके उन्हें अनचाहे कॉल्स और मैसेज भेजते हैं। इनमें प्रमोशनल ऑफर्स, लोन के ऑफर्स, फर्जी वेबसाइट्स के लिंक और स्कैम से जुड़ी जानकारी शामिल होती है। इससे न केवल उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता खतरे में पड़ती है, बल्कि उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
इस समस्या से निपटने के लिए TRAI ने कई नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत, टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल्स और मैसेज की गलत रिपोर्ट देने पर जुर्माना लगाया जाएगा। TRAI ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) में संशोधन करके ग्रेडेड पेनल्टी का प्रावधान लागू किया है। इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल्स और मैसेज की संख्या की गलत रिपोर्ट देने पर पेनल्टी देनी होगी।
नए नियमों के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियों को पहले उल्लंघन पर 2 लाख रुपये, दूसरे उल्लंघन पर 5 लाख रुपये और इसके बाद के प्रत्येक उल्लंघन पर 10 लाख रुपये की पेनल्टी चुकानी होगी। यह कदम स्पैम कॉल्स और मैसेज को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है, क्योंकि इससे टेलीकॉम कंपनियों को स्पैमर्स की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
TRAI ने स्पैम कॉल्स और मैसेज की पहचान करने के लिए कुछ नए मापदंड भी निर्धारित किए हैं। इनमें कॉल्स की बहुत अधिक संख्या, कॉल की कम अवधि और इनकमिंग से आउटगोइंग कॉल्स की कम रेशो जैसे पैरामीटर्स शामिल हैं। इन मापदंडों के आधार पर टेलीकॉम कंपनियों को कॉल और SMS का विश्लेषण करना अनिवार्य किया गया है। इससे स्पैमर्स की जल्द पहचान की जा सकेगी और उन्हें रोका जा सकेगा।
TRAI ने स्पैम मैसेज को नियंत्रित करने के लिए मैसेज ट्रेसेबिलिटी का नया रूल लागू किया है। यह रूल 11 दिसंबर 2023 से लागू हुआ है। इसके तहत, मैसेज भेजने वाले व्यक्ति से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। इससे मैसेज भेजने में शामिल टेलीमार्केटर्स और अन्य पार्टीज की पहचान की जा सकेगी। इस रूल से स्पैम मैसेज को कम करने में मदद मिलेगी।
TRAI ने स्पष्ट किया है कि इस रूल से वन-टाइम पासवर्ड (OTP) जैसे महत्वपूर्ण मैसेज को प्राप्त करने में देरी नहीं होगी। OTP का इस्तेमाल बैंकिंग और अन्य सर्विसेज के लिए किया जाता है, इसलिए इसकी डिलीवरी में किसी भी तरह की देरी उपयोगकर्ताओं के लिए समस्या पैदा कर सकती है। नए सिस्टम में ऐसे प्रमोशनल और स्पैम मैसेज को ब्लॉक किया जाएगा जो रजिस्टर्ड फर्मों ने नहीं भेजे हैं। इसके लिए कई फर्मों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
पिछले वर्ष के अंत में TRAI ने स्पैम कॉल्स और मैसेज से निपटने में नाकाम रहने पर टेलीकॉम कंपनियों पर लगभग 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके साथ ही, पिछले जुर्माने को जोड़कर, जुर्माने की कुल रकम लगभग 141 करोड़ रुपये की है। TRAI ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) से इस जुर्माने को वसूल करने का निवेदन किया है। यह कदम टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम कॉल्स और मैसेज को नियंत्रित करने के लिए गंभीरता से काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए कई टेलीकॉम कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े समाधान लॉन्च किए हैं। उदाहरण के तौर पर, भारती एयरटेल ने बताया कि उसके नेटवर्क पर 8 अरब से ज्यादा स्पैम कॉल्स की चेतावनी दी गई है। कंपनी ने स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए AI आधारित सॉल्यूशन लॉन्च किया है। यह सॉल्यूशन स्पैम कॉल्स और मैसेज की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने में मदद करता है।
ये भी पढ़े:-Philips OLED+950 TV: सैमसंग की बत्ती गुल करने मार्केट में आया Philips का ये टीवी
स्पैम कॉल्स और मैसेज से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। उन्हें अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स और मैसेज को अनदेखा करना चाहिए। साथ ही, उन्हें अपने नंबर को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को TRAI के डीएनडी (Do Not Disturb) रजिस्टर में अपना नंबर रजिस्टर कराना चाहिए। इससे उन्हें प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज से छुटकारा मिल सकता है।
Auto-generated excerpt
In today's rapidly advancing educational landscape, the need for trusted, comprehensive, and easily accessible sources…
Auto-generated excerpt