Tension on India-Bangladesh border: भारत और बांग्लादेश के बीच हालिया तनावपूर्ण रिश्तों का असर सीमा क्षेत्रों पर भी दिख रहा है। सोमवार, 20 जनवरी 2025 को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के नारायणगंज सीमा चौकी पर गश्त कर रहे बीएसएफ जवानों पर बांग्लादेशी तस्करों ने पत्थरबाजी कर दी। इस घटना में एक बीएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
घटना का विवरण
बीएसएफ जवानों ने सीमा के पास संदिग्ध गतिविधियां देखीं। बांग्लादेश की तरफ से कुछ तस्कर बाड़बंदी के पास बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए थे। ये तस्कर अंतर्राष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन कर अपने भारतीय सहयोगियों के साथ प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी की कोशिश कर रहे थे।
सतर्क बीएसएफ जवानों ने तुरंत उन्हें चेतावनी दी और वापस लौटने के लिए कहा। हालांकि, तस्करों ने बार-बार दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज किया। इसके विपरीत, उन्होंने बीएसएफ जवानों के साथ दुर्व्यवहार किया और उन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
पत्थरबाजी में एक जवान घायल
तस्करों की इस हरकत से एक बीएसएफ जवान के सिर में गंभीर चोट लग गई। घायल जवान को तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद बीएसएफ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जवान की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
बीएसएफ का संयमित रुख
हालांकि, तस्करों के आक्रामक रवैये के बावजूद बीएसएफ ने संयम का परिचय दिया। उन्होंने स्थिति को काबू में लाने के लिए केवल गैर-घातक उपायों का इस्तेमाल किया। बीएसएफ ने अपनी पेशेवर प्रतिबद्धता और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान दिखाते हुए तस्करों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
तलाशी के दौरान बरामदगी
घटना के बाद बीएसएफ जवानों ने इलाके की तलाशी ली। इस दौरान 50 बोतल प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद की गईं, जिन्हें भारतीय सीमा में तस्करी के लिए लाया जा रहा था। तस्करी के इस प्रयास को नाकाम कर दिया गया।
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सीमा पर बढ़ती चुनौतियां
भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। तस्कर प्रतिबंधित सामानों की आवाजाही के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। बीएसएफ के जवान दिन-रात सीमा पर सतर्क रहते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं।
आवश्यक कदम और अपील
इस घटना के बाद बीएसएफ ने संबंधित अधिकारियों को सूचना दी और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा को लेकर आपसी सहयोग और संवाद को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
इस तरह की घटनाएं न केवल सुरक्षा बलों के लिए खतरा हैं, बल्कि दोनों देशों के संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। ऐसे में तस्करी और सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाने चाहिए।