Terror Gangster Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर गैंगस्टर सिंडिकेट मामले में कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी अर्श डाला के दो सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। यह आरोप पत्र नई दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को दाखिल किया गया। इसमें भगोड़े नीरज पंडित उर्फ नीरज फरीदपुरिया और अनिल सिंह के नाम शामिल हैं।
खालिस्तान टाइगर फोर्स और आतंकी फंडिंग |Terror Gangster Case|
एनआईए की जांच के अनुसार, खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सक्रिय सदस्य अर्श डाला भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक संगठित गैंगस्टर सिंडिकेट को फंडिंग कर रहा था। यह आतंकी सिंडिकेट विभिन्न अपराधों, जैसे कि हत्या, जबरन वसूली और अवैध हथियारों की तस्करी में संलिप्त था। इस सिंडिकेट में नीरज और अनिल भी सक्रिय रूप से शामिल थे।
जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी अर्श डाला और बंबीहा गिरोह के विभिन्न सदस्यों के संपर्क में थे। उन्होंने पलवल (हरियाणा) में जसवीर दीघोट की हत्या की साजिश में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था। एनआईए के अनुसार, अनिल को 5 सितंबर 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि नीरज अभी भी फरार है। जांच एजेंसी लगातार इस आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर रही है।
एनआईए की व्यापक जांच और छापेमारी अभियान |Terror Gangster Case|
एनआईए पिछले कुछ महीनों से इस मामले में बेहद सक्रिय है। एजेंसी ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में छापेमारी कर संदिग्ध आतंकियों और गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है।
दिसंबर 2023 में हुई छापेमारी
पिछले साल दिसंबर में, एनआईए ने पंजाब और हरियाणा में 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे। यह छापेमारी उन व्यक्तियों के खिलाफ की गई थी, जो आतंकी संगठनों को वित्तीय सहायता और लॉजिस्टिक्स मुहैया करवा रहे थे।
नवंबर 2023 में बड़ा अभियान
इससे पहले, नवंबर 2023 में एनआईए ने आतंकी-गैंगस्टर सांठगांठ मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 9 स्थानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी दविंदर बंबीहा सिंडिकेट के सहयोगियों से जुड़े परिसरों में की गई थी। जांच के दौरान डिजिटल उपकरण, बैंकिंग लेनदेन और संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश
जांच एजेंसी ने पाया कि यह आतंकी-गैंगस्टर सिंडिकेट केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपने नेटवर्क का विस्तार कर चुका है। कनाडा, पाकिस्तान और यूके में बैठे खालिस्तानी आतंकवादी भारतीय अपराधियों और गैंगस्टरों के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अर्श डाला जैसे आतंकी भारत में हमले करने के लिए अपने गुर्गों को धन मुहैया करवा रहे हैं।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि यह नेटवर्क ड्रग तस्करी, हवाला और फर्जी कंपनियों के जरिए अपने फंडिंग के स्रोत बनाए हुए हैं। इन गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एनआईए ने इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी सहयोग मांगा है।
भारत सरकार की रणनीति और कठोर कार्रवाई |Terror Gangster Case|
भारत सरकार इस तरह के आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इन अपराधियों को न्याय के कठघरे तक लाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं।
नई सुरक्षा रणनीतियाँ
सरकार ने एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस बलों को मिलाकर एक समन्वित टीम बनाई है, जो इन अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने का कार्य कर रही है।
आरोपियों की संपत्तियों की जब्ती
एनआईए ने अब तक कई आरोपियों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया है और आगे भी इस प्रक्रिया को तेज करने की योजना बनाई गई है। हाल ही में, पंजाब और हरियाणा में कई आरोपियों की संपत्तियों को जब्त कर दिया गया, जिनका संबंध इस आतंकी नेटवर्क से था।
एनआईए की अदालत में दायर चार्जशीट |Terror Gangster Case|
जैसे-जैसे एनआईए की जांच आगे बढ़ रही है, एजेंसी अदालत में चार्जशीट दाखिल कर रही है। अब तक कई लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर हो चुके हैं। एनआईए की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह से देश में सक्रिय टेरर गैंगस्टर सिंडिकेट को खत्म किया जाए और इसमें शामिल आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।
ये भी पढ़े:-Delhi Cabinet Portfolio: दिल्ली कैबिनेट की पहली मीटिंग समाप्त, इन मुद्दों पर लगी मोहर
एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम किसी भी कीमत पर इस आतंकी नेटवर्क को समाप्त करेंगे। यह केवल संगठित अपराध का मामला नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मुद्दा है। हम अपराधियों और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।”