TRAI: भारत में लैंडलाइन टेलीफोन नंबर जल्द ही 10 अंकों के हो सकते हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने नंबरिंग योजना में बदलाव के सुझाव दिए हैं, जिसमें दूरसंचार सेवाओं के लिए नंबर आवंटन के नियम और दिशानिर्देश शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में लैंडलाइन टेलीफोन का उपयोग घटा है, लेकिन कुछ सेवाओं के लिए यह अब भी महत्वपूर्ण साधन बना हुआ है।
TRAI के अनुसार, डिजिटल इंटरकनेक्टेड दुनिया में अरबों उपकरणों और उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता आवश्यक है। यह उपभोक्ताओं, उद्योगों और व्यवसायों तक विश्वसनीय दूरसंचार सेवाएं पहुंचाने में मदद करता है। लैंडलाइन या फिक्स्ड-लाइन फोन के लिए 10 अंकों की नंबरिंग प्रणाली से इस समस्या का समाधान संभव है।
TRAI ने लैंडलाइन से लैंडलाइन कॉल करने के लिए ‘0’ और उसके बाद STD कोड और सब्सक्राइबर नंबर जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। इस बदलाव को लागू करने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) को छह महीने का समय दिया गया है। हालाँकि, यह बदलाव केवल लैंडलाइन नंबरिंग प्रणाली को प्रभावित करेगा और मोबाइल से लैंडलाइन, लैंडलाइन से मोबाइल, या मोबाइल से मोबाइल कॉलिंग प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा।
इसके अलावा, TRAI ने लैंडलाइन फोन नंबर की पोर्टेबिलिटी का भी संकेत दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा मिलेगी। साथ ही, DoT को कॉलर आईडी फीचर को जल्द से जल्द लागू करने की सिफारिश की गई है, जिससे फर्जी कॉल्स और फ्रॉड से बचाव में मदद मिलेगी।
पिछले वर्ष के अंत में TRAI ने दूरसंचार कंपनियों के लिए नियमों में बदलाव करते हुए वॉयस कॉल और SMS के लिए अलग टैरिफ प्लान अनिवार्य कर दिया था। संशोधित टेलीकॉम कंज्यूमर प्रोटेक्शन रेगुलेशन के तहत, सेवा प्रदाताओं को कम से कम एक विशेष टैरिफ वाउचर की पेशकश करनी होगी, जिसकी वैधता 365 दिनों से अधिक नहीं होगी। इससे उन उपयोगकर्ताओं को लाभ होगा जो केवल वॉयस कॉल और SMS का उपयोग करते हैं और डेटा सेवाओं की आवश्यकता नहीं रखते।
इसके अतिरिक्त, TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को किसी भी मूल्य के रिचार्ज वाउचर जारी करने की अनुमति दी, लेकिन न्यूनतम 10 रुपये का रिचार्ज कूपन अनिवार्य कर दिया गया। स्पैम कॉल और अनचाहे मैसेज की समस्या को कम करने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं। इन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन में असफल रहने पर TRAI ने प्रमुख दूरसंचार कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया है।
इस परिवर्तन से न केवल लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेगा बल्कि दूरसंचार प्रणाली को अधिक संगठित और कुशल बनाया जा सकेगा। TRAI की यह पहल भारत में दूरसंचार सेवाओं के समुचित प्रबंधन और आधुनिक तकनीकी आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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