भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल भुगतान को और सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया है। यह एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस भुगतान प्रणाली है, जिसे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने विकसित किया है। ई-रुपी एक डिजिटल वाउचर के रूप में कार्य करता है, जिसे एसएमएस स्ट्रिंग या क्यूआर कोड के माध्यम से लाभार्थियों को भेजा जाता है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के तहत सीधे लाभार्थियों तक भुगतान पहुंचाना है।
ई-रुपी क्या है?
ई-रुपी एक प्रीपेड डिजिटल वाउचर है, जिसे सरकार या किसी अन्य संगठन द्वारा जारी किया जाता है। इसे केवल निर्दिष्ट उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फंड का सही उपयोग हो। यह यूपीआई प्लेटफॉर्म पर आधारित है और बैंकिंग सेवाओं के बिना भी काम कर सकता है।
ई-रुपी कैसे काम करता है?
ई-रुपी के कार्य करने की प्रक्रिया सरल और प्रभावी है:
- वाउचर जनरेशन: सरकारी या निजी संगठन NPCI के माध्यम से लाभार्थी के नाम पर एक डिजिटल वाउचर जारी करते हैं।
- एसएमएस/क्यूआर कोड: लाभार्थी को एक एसएमएस स्ट्रिंग या क्यूआर कोड मिलता है, जिसे किसी विशेष सेवा प्रदाता के पास दिखाकर भुगतान किया जा सकता है।
- सीमित उपयोग: यह वाउचर केवल उसी सेवा के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिसके लिए इसे जारी किया गया है।
ई-रुपी के फायदे
ई-रुपी का उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा सकता है और इसके कई फायदे हैं:
1. सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता
ई-रुपी सरकारी योजनाओं जैसे पोषण कार्यक्रम, स्वास्थ्य सेवाएं, छात्रवृत्ति और DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत सीधे लाभार्थियों तक पहुंचने में मदद करता है।
2. बिना बैंक खाते के भी उपयोग संभव
इस डिजिटल भुगतान प्रणाली के लिए बैंक खाता या इंटरनेट बैंकिंग की आवश्यकता नहीं होती, जिससे यह उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है, जिनके पास बैंकिंग सुविधाएं नहीं हैं।
3. धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार में कमी
ई-रुपी के माध्यम से किए गए भुगतान को किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फंड का सही उपयोग हो।
4. स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में उपयोग
ई-रुपी को टीकाकरण, स्वास्थ्य सेवाओं, और शैक्षिक छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिससे सरकारी योजनाओं का सही लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचता है।
5. निजी क्षेत्र में भी उपयोगी
कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस, वेतन लाभ या अन्य सुविधाओं के रूप में ई-रुपी वाउचर प्रदान कर सकती हैं। यह कॉर्पोरेट क्षेत्र में डिजिटल भुगतान को और मजबूत बनाएगा।
ई-रुपी और अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियों में अंतर

विशेषता | ई-रुपी | यूपीआई | डिजिटल वॉलेट |
---|---|---|---|
बैंक अकाउंट जरूरी? | नहीं | हां | हां |
इंटरनेट की आवश्यकता? | नहीं | हां | हां |
उपयोग सीमा | विशेष उद्देश्य के लिए | कोई सीमा नहीं | कोई सीमा नहीं |
सीधे लाभार्थी को भुगतान? | हां | नहीं | नहीं |

ई-रुपी का भविष्य
ई-रुपी भारत में डिजिटल भुगतान को एक नई दिशा देने वाला कदम है। सरकार भविष्य में इसे अधिक योजनाओं से जोड़ सकती है, जिससे आम नागरिकों को डिजिटल लेनदेन में अधिक सहूलियत मिलेगी।
निष्कर्ष
ई-रुपी एक सरल, सुरक्षित और उद्देश्य-निर्दिष्ट डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो सरकारी योजनाओं और निजी क्षेत्रों में पारदर्शिता लाने में मदद करेगी। इसके उपयोग से डिजिटल इंडिया पहल को और मजबूती मिलेगी और भारत को एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में सहायता मिलेगी।