WhatsApp Hacked
WhatsApp Hacked: WhatsApp ने हाल ही में पुष्टि की है कि करीब 90 पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों को इजराइल की एक कंपनी, Paragon Solutions के स्पाइवेयर द्वारा टार्गेट किया गया था। यह स्पाइवेयर जीरो-क्लिक हैकिंग तकनीक का उपयोग करता है, जिसमें यूजर को किसी लिंक या फाइल पर क्लिक करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस तकनीक के माध्यम से, स्पाइवेयर डिवाइस में प्रवेश करते ही उसे हैक कर लेता है और बैकग्राउंड में अपना काम शुरू कर देता है। इससे यूजर को इसकी भनक तक नहीं लगती है।
जीरो-क्लिक हैकिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें यूजर की किसी भी प्रकार की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता नहीं होती है। यह तकनीक डिवाइस में प्रवेश करने के लिए किसी भी प्रकार के यूजर इंटरैक्शन का इंतज़ार नहीं करती है। जैसे ही कोई दुर्भावनापूर्ण फाइल या डॉक्युमेंट डिवाइस (WhatsApp Hacked) में प्रवेश करती है, स्पाइवेयर अपना काम शुरू कर देता है। यह तकनीक बेहद खतरनाक है क्योंकि इसे रोकना यूजर के लिए लगभग असंभव होता है।
WhatsApp के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि प्रभावित यूजर्स को दुर्भावनापूर्ण इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज भेजे गए थे। ये दस्तावेज डिवाइस में प्रवेश करते ही स्पाइवेयर को सक्रिय कर देते हैं। इस प्रकार के हमले आमतौर पर उच्च प्रोफाइल व्यक्तियों जैसे पत्रकारों, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को टार्गेट करते हैं।
Paragon Solutions एक इजराइली कंपनी है जो स्पाइवेयर और अन्य साइबर (WhatsApp Hacked) सुरक्षा उत्पादों का निर्माण करती है। यह कंपनी अपने उत्पादों को विशेष रूप से सरकारों को बेचती है। Paragon के स्पाइवेयर को पहले भी कई बार चर्चा में रह चुका है। यह कंपनी अपने उत्पादों का उपयोग करके लक्षित व्यक्तियों के डिवाइस से डेटा चोरी करने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जानी जाती है।
WhatsApp ने इस घटना के बाद अपने यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है। कंपनी ने माना है कि प्रभावित यूजर्स के डिवाइस से रिमोटली छेड़छाड़ की गई है। WhatsApp ने यह भी बताया कि उसने हैकिंग के प्रयास को रोक दिया है और इस मामले को कनाडाई इंटरनेट निगरानी समूह सिटीजन लैब को संदर्भित किया है।
WhatsApp के एक अधिकारी ने इस बात पर चर्चा करने से इनकार कर दिया कि कैसे निर्धारित किया गया कि हैक के लिए Paragon जिम्मेदार था। हालांकि, यह माना जा रहा है कि WhatsApp ने अपनी सुरक्षा प्रणाली के माध्यम से इस हमले का पता लगाया और उसे रोक दिया।
जीरो-क्लिक हैकिंग जैसी तकनीकें साइबर सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती (WhatsApp Hacked) पेश करती हैं। इन तकनीकों का उपयोग करके हैकर्स बिना किसी निशान के डिवाइस को हैक कर सकते हैं। इस प्रकार के हमले आमतौर पर उच्च प्रोफाइल व्यक्तियों को टार्गेट करते हैं, जिनके पास संवेदनशील जानकारी होती है।
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साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के हमलों (WhatsApp Hacked) से बचने के लिए यूजर्स को अपने डिवाइस को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही फाइलें डाउनलोड करनी चाहिए। इसके अलावा, यूजर्स को अपने डिवाइस पर एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए और संदिग्ध लिंक या फाइलों को खोलने से बचना चाहिए।
Paragon Solutions के स्पाइवेयर द्वारा किए गए हमले ने एक बार फिर से साइबर सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। जीरो-क्लिक हैकिंग जैसी तकनीकें यूजर्स के लिए बड़ी चुनौती पेश करती हैं, क्योंकि इन्हें रोकना बेहद मुश्किल होता है। WhatsApp ने इस हमले को रोकने में सफलता प्राप्त की है, लेकिन यह घटना यूजर्स को सतर्क रहने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार और जागरूकता बढ़ाने (WhatsApp Hacked) की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार के हमलों से बचा जा सके। यूजर्स को अपने डिवाइस की सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
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