Illegal infiltration into India: भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (RPF) न केवल यात्रियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि देश की सीमाओं के जरिए हो रही अवैध घुसपैठ को रोकने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। RPF ने 2021 से अब तक 586 बांग्लादेशी नागरिकों और 318 रोहिंग्या समेत 916 घुसपैठियों को गिरफ्तार कर अपनी सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र: अवैध घुसपैठ का प्रमुख मार्ग
विशेष रूप से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में यह चुनौती और अधिक गंभीर हो जाती है। 2024 में एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर सुरक्षा उपायों के बावजूद, बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध घुसपैठियों द्वारा भारत में प्रवेश की कोशिशें जारी रहती हैं। असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों को ये लोग पारगमन मार्ग के रूप में इस्तेमाल करते हैं। रेलवे नेटवर्क का उपयोग करते हुए ये घुसपैठिए देश के अन्य हिस्सों में आसानी से पहुंच जाते हैं।
रेलवे का उपयोग: राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती
ट्रेन यात्रा घुसपैठियों के लिए एक सुविधाजनक साधन है, क्योंकि यह कम खर्चीला और सुरक्षित माना जाता है। रेलवे के जरिए अवैध गतिविधियों को अंजाम देना न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती है, बल्कि यह कानून लागू करने वाली एजेंसियों के समक्ष निगरानी और कार्रवाई की मुश्किलें भी बढ़ाता है।
आरपीएफ की कार्रवाई और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय
RPF ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल (BSF), स्थानीय पुलिस, और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है। इस सहयोग से अवैध प्रवास में शामिल लोगों की शीघ्र पहचान और कार्रवाई संभव हो सकी है। हालांकि, RPF के पास गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है। हिरासत में लिए गए आरोपियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को सौंप दिया जाता है।
घुसपैठ के सामाजिक-आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाव
बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में चल रहे राजनीतिक और सामाजिक संकटों के कारण भारत में शरण और रोजगार की तलाश करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इन प्रवासियों की घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। इसके अलावा, इन घुसपैठियों को मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी, और अन्य शोषणकारी गतिविधियों का शिकार बनाए जाने की आशंका रहती है।
रेलवे सुरक्षा बल की भूमिका
RPF ने घुसपैठ के इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अपनी रणनीतियों को मजबूत किया है। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की सघन जांच के साथ-साथ आधुनिक निगरानी तकनीकों का उपयोग कर RPF अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखता है। इसके अलावा, रेलवे नेटवर्क के जरिए हो रही घुसपैठ को रोकने के लिए जागरूकता अभियानों और स्थानीय समुदायों के साथ संवाद को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
अवैध प्रवास की समस्या को रोकने के लिए RPF का प्रयास सराहनीय है। हालांकि, इसे प्रभावी बनाने के लिए सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय, और सामाजिक-आर्थिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता है। RPF की भूमिका न केवल रेलवे की सुरक्षा तक सीमित है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।