Budget session of Parliament: दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार को आरंभ हो गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने सांसदों को संबोधित करते हुए देश को विकसित भारत का संदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया। राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी।
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि संसद की इस बैठक को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। अभी दो माह पहले हमने संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई है और कुछ दिन पहले ही भारतीय गणतंत्र ने 75 वर्षों की यात्रा भी पूरी की है। ये अवसर लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को नई ऊंचाई देगा। भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है।
सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पांच लाख 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ हुआ है। इसके लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है। इन्हें हर वर्ष पांच लाख रुपये का हेल्थ कवर मिलेगा।
रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस
उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोजगार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस किया है। मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता देने के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की गई है। एक करोड़ युवाओं को शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर भी दिए जाएंगे।’
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में, यानी महिला के नेतृत्व वाले विकास में विश्वास करती है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के द्वारा लोक सभा और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। देश की 10 करोड़ से भी अधिक महिलाओं को इसके साथ जोड़ा गया है। इन्हें कुल नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंक लिंकेज के माध्यम से वितरित की गई है। हमारी बैंकिंग और डिजी पेमेंट सखियां दूर दराज के इलाकों में लोगों को वित्तीय व्यवस्था से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कृषि सखियां नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रही हैं और पशु सखियों के माध्यम से हमारा पशुधन मजबूत हो रहा है। ड्रोन दीदी योजना महिलाओं के आर्थिक और तकनीकी सशक्तिकरण का माध्यम बनी है। आज हमारा युवा स्टार्टअप्स, स्पोर्ट्स से लेकर स्पेस तक हर फ़ील्ड में देश का नाम रोशन कर रहा है। माय भारत पोर्टल के जरिये लाखों युवा राष्ट्र निर्माण के कार्यों से जुड़ रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर क्या कहा?
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तैयार कर रही है। कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे, इसीलिए मातृ भाषा में शिक्षा के अवसर दिए जा रहे हैं। विभिन्न भर्ती परीक्षाएं 13 भारतीय भाषाओं में आयोजित कर, भाषा संबंधी बाधाओं को भी दूर किया गया है।
खेल-जगत के लिए क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत की टीमों ने चाहे ओलंपिक हो, या फिर पैरालंपिक, हर जगह बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हाल ही में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में भी भारत ने अपना परचम लहराया है। फिट इंडिया मूवमेंट चलाकर हम सशक्त युवाशक्ति का निर्माण कर रहे हैं।
तकनीक के क्षेत्र पर कही बड़ी बात
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत के योगदान को आगे बढ़ाते हुए ‘इंडिया एआई मिशन’ प्रारम्भ किया गया है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से भारत, इस फ्रंटियर टेक्नॉलाजी में दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में स्थान बना सकेगा।’
पीएम स्वनिधि योजना और डिजिटल टेक्नॉलाजी का जिक्र
उन्होंने कहा कि दशकों तक हमारे देश के रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाकर आजीविका चलाने वाले भाई-बहन बैंकिंग व्यवस्था से बाहर रहे। आज उन्हें पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड के आधार पर उनको बिजनेस बढ़ाने के लिए और लोन मिलता है। आज भारत डिजिटल टेक्नॉलाजी की फील्ड में एक प्रमुख ग्लोबल प्लेयर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। दुनिया के बड़े देशों के साथ ही भारत में 5G सर्विसेस की शुरुआत इसका एक बड़ा उदाहरण है।
साइबर सिक्योरिटी पर आगाह भी किया
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने डिजिटल टेक्नॉलाजी को सामाजिक न्याय और समानता के एक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है। डिजिटल पेमेंट कुछ लोगों या कुछ वर्गों तक सीमित नहीं है। भारत में छोटे से छोटा दुकानदार भी इस सुविधा का लाभ उठा रहा है। तेजी से डिजिटाइज होते हमारे समाज में आज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण विषय साइबर सिक्योरिटी है। डिजिटल फ्रॉड, साइबर-क्राइम और डीप फेक जैसी टेक्नॉलाजी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती भी बनी है। इन साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए है। साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं हैं।
रेलवे और मेट्रो नेटवर्क पर बोलीं
उन्होंने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चेनाब ब्रिज का निर्माण हुआ है जो विश्व का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज है। साथ ही आंजी ब्रिज, देश का पहला रेल केबल ब्रिज बना है। भारत का मेट्रो नेटवर्क अब एक हजार किलोमीटर के माइलस्टोन को पार कर चुका है। भारत अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
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U-WIN पोर्टल लॉन्च किया गया
राष्ट्रपति ने कहा, ‘गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम की सही ट्रैकिंग रखने के लिए U-WIN पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर अब तक लगभग तीस करोड़ वैक्सीन खुराक दर्ज हो चुकी है। टेली मेडिसिन के माध्यम से तीस करोड़ से अधिक ई-टेली-कन्सल्टेशन से नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ मिला है।’
आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था हमारा लक्ष्य
उन्होंने कहा कि भारत में आधुनिक और आत्मनिर्भर कृषि व्यवस्था हमारा लक्ष्य है। मेरी सरकार किसानों को फसलों का उचित दाम दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। कुछ सप्ताह पूर्व ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे हुए हैं। वेदर रेडी और क्लाइमेट स्मार्ट भारत के लिए मेरी सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये की लागत से “मिशन मौसम” प्रारम्भ किया है, जिसका लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा।
आर्थिक सशक्तिकरण पर कही यह बात
राष्ट्रपति ने कहा, ‘सहकारी सेक्टर के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों के फलस्वरुप रोजगार के अनेक अवसर सृजित हो रहे हैं। वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें भारत अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।’ उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी हमारे जिस जनजातीय एवं आदिवासी समाज की उपेक्षा होती रही, मेरी सरकार ने उसके कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘पीएम-जनमन योजना’ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। विशेष राष्ट्रीय मिशन चलाकर आदिवासी समुदाय की सिकल सेल से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत लगभग पाँच करोड़ व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
अष्टलक्ष्मी महोत्स और पीएम सूरज योजना का जिक्र
उन्होंने कहा कि पूरा देश नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों की संभावनाओं को देख सके, इस दिशा में पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन किया गया। पूर्वोत्तर के विकास के साथ-साथ सरकार ने देश के पूर्वोदय यानि पूर्वी राज्यों के सर्वांगीण विकास की कार्य-योजना पर काम शुरू कर दिया है जिससे रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।
भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक अस्थिरता के बीच विकास की राह
दुनिया में कोविड-19 महामारी और युद्ध जैसी परिस्थितियों के बावजूद भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था में स्थायित्व और लचीलापन बनाए रखा है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक चुनौतियों के बीच जो मजबूती दिखाई है, वह इसके सशक्त होने का प्रमाण है। सरकार ने व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे देश में उद्यमिता और निवेश को बढ़ावा मिला है।
संस्कृति और धरोहर संरक्षण की दिशा में कदम
राष्ट्रपति ने भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा के संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पांडुलिपियां हमारी धरोहर हैं, जिनमें मानव सभ्यता के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान समाहित है। सरकार ने उन्नत तकनीक के उपयोग से इन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और संरक्षण का कार्य मिशन मोड में प्रारंभ किया है, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी इस अमूल्य ज्ञान का लाभ उठा सकें।
सरकार की विकास रणनीति “Reform, Perform और Transform” पर आधारित है, जिससे भारत ने नए गवर्नेंस मॉडल को अपनाया है। आज यह शब्द पूरी दुनिया में भारत के प्रभावी प्रशासन का पर्याय बन चुके हैं।
रक्षा और सीमाओं की सुरक्षा में आत्मनिर्भरता
देश की सीमाओं की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। खासकर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। ‘मेक इन इंडिया’ से आगे बढ़कर ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ की नीति अपनाई गई है, जिससे न केवल सैन्य उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि देश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को भी सरकार की रणनीति का अहम हिस्सा बनाया गया है। अटल टनल, सेला टनल और सोनमर्ग टनल जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे से न केवल रक्षा क्षेत्र को मजबूती मिली है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को भी सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं।
वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका
भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी नीति, सामर्थ्य और नेतृत्व क्षमता को स्थापित किया है। चाहे जी-7 समिट हो, क्वाड, ब्रिक्स, एससीओ या जी-20, भारत की भूमिका लगातार प्रभावशाली बनी हुई है। इन वैश्विक मंचों पर भारत की नीतियों और संकल्प शक्ति को व्यापक मान्यता मिली है। वर्तमान समय में, भारत न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और राजनैतिक स्थिरता के रूप में भी विश्व के लिए एक आदर्श बनकर उभरा है।
नवीकरणीय ऊर्जा और रोजगार
भारत सरकार ने हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 75,000 करोड़ रुपये की लागत से रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं। अभी तक 7.5 लाख से अधिक घरों में सौर ऊर्जा सिस्टम लगाए जा चुके हैं, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
एकता और समृद्ध भविष्य की ओर
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के अंत में सभी नागरिकों से एकता और संकल्प को दोहराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश मिलकर आगे बढ़ेगा, तभी 2047 तक भारत एक विकसित, सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनेगा। उन्होंने देशवासियों को एकजुट होकर भारत के सपनों को साकार करने का संकल्प लेने की प्रेरणा दी।
“आइए, हम एकता के संकल्प को दोहराएं और भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हों!”