Maha Kumbh 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार को घेरते हुए गंभीर सवाल उठाए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने हादसे के पीड़ितों के आंकड़े छिपाए हैं और इस मामले में पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर आंकड़े क्यों दबाए और छिपाए गए? अखिलेश ने इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की और कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा सार्वजनिक किया जाए। साथ ही, उन्होंने आंकड़े छिपाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की।
अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन उन्हें महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी देना चाहिए। मेरी मांग है कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?”
उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है और उनकी लाशें मोर्चरी और अस्पताल में पड़ी हैं, तब भी सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए। अखिलेश ने इस कृत्य को सनातनी परंपरा बताते हुए कहा कि यह कैसी परंपरा है? उन्होंने आगे कहा कि भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सब कुछ छिपाने के लिए दबाव डाला जा रहा है और कुछ लोगों को मीठा खिलाया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए।
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अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शोक तक व्यक्त नहीं किया। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की, तब 17 घंटे बाद राज्य सरकार ने इसे स्वीकार किया। अखिलेश ने कहा कि ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि कई टीवी चैनलों और विज्ञापनों पर दिखाया गया कि महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर मैं झूठ बोल रहा हूं या मेरे दावे झूठे निकले तो मैं लोकसभा से इस्तीफा दे दूंगा।
अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग की और कहा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और सच्चाई को छिपाने के बजाय उसे सामने लाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में सुरक्षा और प्रबंधन के मामले में गंभीरता बरती जानी चाहिए ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
अखिलेश यादव के इस भाषण ने संसद में हंगामा मचा दिया और विपक्षी दलों ने उनके बयान का समर्थन किया। उनकी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ गया है और अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। महाकुंभ हादसा न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है और इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
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