Prayagraj Mahakumbh fire: प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में रविवार को एक भयानक आग लगने की घटना सामने आई, जिसने श्रद्धालुओं और प्रशासन को हिलाकर रख दिया। आग इतनी भीषण थी कि इसकी लपटें दूर से ही देखी जा सकती थीं। यह हादसा मेला क्षेत्र के सेक्टर 19 और सेक्टर 5 के बॉर्डर पर ओल्ड जीटी रोड क्रॉसिंग के पास हुआ। इस आग में विवेकानंद शिविर समेत कई अन्य शिविर जलकर राख हो गए।
आग का कारण और प्रभावित क्षेत्र
आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट या किसी चिंगारी को माना जा रहा है। विवेकानंद शिविर से शुरू हुई आग ने देखते ही देखते आसपास के 20-25 टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया। लगभग 10,000 वर्ग फीट क्षेत्र इस आग की चपेट में आया। शिविरों में रखे कई सिलेंडरों के फटने से आग और अधिक फैल गई। हालांकि, प्रशासन की मुस्तैदी और फायर ब्रिगेड की तत्परता ने स्थिति को काबू में लाने का काम किया।
प्रशासन की तत्परता और राहत कार्य
आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। लगभग 20 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने मिलकर आग पर काबू पाया। आग बुझाने के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी श्रद्धालु को नुकसान न पहुंचे। मौके पर मौजूद दमकलकर्मियों ने आसपास के शिविरों को तुरंत खाली करवाया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा। उन्होंने घायलों को तत्काल और समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। राहत कार्य तेज गति से किया गया, जिससे स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सका।
आग से हुए नुकसान का आकलन
इस घटना में कई शिविर पूरी तरह से जलकर राख हो गए। निर्मल आश्रम के स्वामी श्री गोपी हरि जी महाराज ने बताया कि आग में कुल 6 सिलेंडर फटे, लेकिन समय रहते अन्य सिलेंडरों को हटा लिया गया। पूरे क्षेत्र का कपड़ा जल चुका है और सिर्फ बांस और बल्ली के ढांचे बचे हैं। मेला क्षेत्र की सुंदरता और सजावट को भारी नुकसान पहुंचा है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित
प्रशासन की तत्परता और शिविरों को समय रहते खाली करवाने के कारण अभी तक किसी श्रद्धालु की हानि की सूचना नहीं है। मेला क्षेत्र में पहले से ही अग्निशमन और सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे, जिनकी वजह से आग को फैलने से रोका जा सका।
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आगे की तैयारी
इस घटना के बाद प्रशासन ने मेला क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की घोषणा की है। बिजली के उपकरणों और गैस सिलेंडरों की जांच की जाएगी। साथ ही, मेला क्षेत्र में आग से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई योजना पर जोर दिया जाएगा।
महाकुंभ जैसा विशाल आयोजन जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, वहां ऐसी घटनाएं बड़ी चुनौती बन सकती हैं। इस हादसे ने आग लगने की संभावना को लेकर जागरूकता बढ़ाई है। प्रशासन और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया, लेकिन यह घटना सभी आयोजकों के लिए सुरक्षा मानकों का पुनर्मूल्यांकन करने का संदेश देती है।
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