Baghpat Stampede: बागपत जिले में मंगलवार को जैन समुदाय के निर्वाण महोत्सव के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए और अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। यह दर्दनाक घटना बागपत से 20 किलोमीटर दूर बड़ौत तहसील के श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान में हुई, जहां भगवान आदिनाथ की प्रतिमा के अभिषेक और लड्डू भोग के लिए लकड़ी के मचान का निर्माण किया गया था। यह मचान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और वजन सहन न कर पाने के कारण टूट गया।
हादसे की शुरुआत और कारण
निर्वाण महोत्सव के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में आदिनाथ भगवान की प्रतिमा के दर्शन और भोग लगाने के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। कार्यक्रम स्थल पर 65 फीट ऊंचा लकड़ी का अस्थाई मचान बनाया गया था, जिससे श्रद्धालु प्रतिमा तक पहुंच सकें। सुबह 7 से 8 बजे के बीच भीड़ इतनी बढ़ गई कि मचान पर जरूरत से ज्यादा लोग चढ़ गए।
मचान की लकड़ियां अधिक वजन सहन नहीं कर सकीं और अचानक टूट गईं। मचान के साथ ही उस पर मौजूद सभी श्रद्धालु नीचे गिर गए। हादसे के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ लोगों की मौत हो गई।
भयावह स्थिति
हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। कई श्रद्धालु मचान के नीचे दब गए और कुछ एक-दूसरे के ऊपर गिर गए। घबराए हुए लोग भगदड़ में नीचे गिरे लोगों के ऊपर से भागने लगे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कई श्रद्धालु जमीन पर पड़े तड़प रहे थे। कुछ खून से लथपथ थे और कुछ बेहोशी की हालत में थे। एंबुलेंस मौके पर समय पर नहीं पहुंच सकी, जिसके कारण स्थानीय लोगों ने ठेले, रिक्शा और बाइकों के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
राहत और बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग और प्रशासन के कर्मचारी बचाव कार्य में जुट गए। मचान के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए लकड़ी की टूटी सीढ़ियों का उपयोग स्ट्रेचर के रूप में किया गया। घायलों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हालांकि, घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
प्रशासन की भूमिका और जांच
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि मचान का निर्माण अस्थाई रूप से लकड़ी की बल्लियों से किया गया था, जो भारी वजन सहन करने में असमर्थ थी। कार्यक्रम आयोजकों की ओर से सुरक्षा उपायों की अनदेखी की गई थी, जो इस हादसे का मुख्य कारण हो सकता है।
श्रद्धालुओं की पीड़ा
घायलों और उनके परिजनों के अनुसार, हादसे की यह स्थिति आयोजकों की लापरवाही के कारण उत्पन्न हुई। समय पर एंबुलेंस न पहुंचने से पीड़ितों को ठेलों और बाइकों पर अस्पताल ले जाना पड़ा।
नतीजे और सबक
इस घटना ने धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों की अनिवार्यता को उजागर किया है। भारी भीड़ वाले कार्यक्रमों में अस्थाई संरचनाओं के निर्माण के दौरान उच्च गुणवत्ता और विशेषज्ञता की आवश्यकता है। प्रशासन को ऐसे आयोजनों की निगरानी के लिए सख्त नियम बनाने और उनकी अनुपालना सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
बागपत में हुए इस हादसे ने न केवल कई परिवारों को गहरा आघात पहुंचाया है, बल्कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा को प्राथमिकता देने की गंभीर आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
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