Union Budget 2025

Budget 2025: आज के बजट में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने की संभावना तेज़

Budget 2025: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने से पहले यह मुद्दा फिर से चर्चा में है। एनडीए के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इस दर्जे की मांग करते रहे हैं, जबकि केंद्र में बीजेपी के बड़े नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

विशेष राज्य का दर्जा क्या है?

भारत में कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है ताकि उनके विकास में मदद मिल सके। हालांकि, संविधान में विशेष राज्य का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, लेकिन इसे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रदान किया जाता है। वर्तमान में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों को यह दर्जा प्राप्त है। पहली बार 1969 में असम, नगालैंड और जम्मू-कश्मीर को यह दर्जा दिया गया था।

विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए निर्धारित मानदंड

केंद्र सरकार कुछ विशेष मानदंडों के आधार पर किसी राज्य को विशेष दर्जा देती है:

  1. भौगोलिक संरचना – पहाड़ी और दुर्गम इलाकों वाले राज्यों को प्राथमिकता दी जाती है।
  2. सीमा सुरक्षा – यदि किसी राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा से निकटता है, तो उसे भी विशेष दर्जा दिया जा सकता है।
  3. जनसंख्या घनत्व और जनजातीय आबादी – यदि राज्य की जनसंख्या घनत्व कम है या जनजातीय आबादी अधिक है, तो उसे यह दर्जा मिल सकता है।
  4. आर्थिक पिछड़ापन – आर्थिक रूप से कमजोर राज्यों को यह दर्जा मिल सकता है, लेकिन इसका आकलन केंद्र सरकार करती है।
  5. राजकीय वित्तीय स्थिति – यदि किसी राज्य की वित्तीय स्थिति कमजोर है और संसाधनों का सही इस्तेमाल करना कठिन है, तो उसे विशेष राज्य का दर्जा देने पर विचार किया जा सकता है।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिल पा रहा है?

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बिहार सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की 34 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, यानी लगभग 94 लाख परिवारों की मासिक आय 6,000 रुपये से कम है। इसके अलावा, बिहार नेपाल बॉर्डर और कोशी नदी के प्रभाव वाले क्षेत्रों का हवाला देता है। बावजूद इसके, बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है।

इसके न मिलने की कुछ प्रमुख वजहें हैं:

  • राजनीतिक कारण – केंद्र सरकार के लिए बिहार को विशेष दर्जा देना एक राजनीतिक चुनौती हो सकता है।
  • वित्तीय प्रभाव – विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्र सरकार को बिहार को अधिक अनुदान देना होगा।
  • अन्य राज्यों की मांग – यदि बिहार को यह दर्जा दिया जाता है, तो ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की भी यही मांग उठ सकती है।

विशेष राज्य का दर्जा मिलने के फायदे

अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है, तो उसे निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • केंद्र से 90% अनुदान और केवल 10% कर्ज मिलेगा।
  • एक्साइज, कस्टम, कॉर्पोरेट और इनकम टैक्स में रियायतें मिलेंगी।
  • औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा?

भले ही बिहार सरकार लगातार इस मांग को उठाती रही हो, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि केंद्र सरकार इसे स्वीकृति देगी। वित्तीय भार और अन्य राज्यों की मांग को देखते हुए, केंद्र सरकार इस पर फिलहाल कोई निर्णय लेने से बच सकती है। हालांकि, चुनावी समीकरणों के कारण यह मुद्दा बार-बार उठता रहेगा।

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