मोदी श्रीलंका यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय श्रीलंका यात्रा (4 से 6 अप्रैल, 2025) के दौरान भारत और श्रीलंका ने रक्षा, ऊर्जा, और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया, जो सैन्य मामलों में सहयोग को संरचित रूप से बढ़ावा देगा। यह समझौता त्रि-सेवा कर्मियों के बीच ज्ञान विनिमय, प्रशिक्षण कार्यक्रम, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच वार्ता, सूचना साझा करने की पहल, और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान में सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। यह समझौता पांच वर्षों के लिए मान्य होगा, जिसे किसी भी पक्ष द्वारा नोटिस देकर समाप्त किया जा सकता है। ETGovernment.com
भारत और श्रीलंका ने बिजली ग्रिड की कनेक्टिविटी के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), और श्रीलंका के बीच त्रिंकोमाली को ऊर्जा हब के रूप में विकसित करने के लिए त्रिपक्षीय समझौता हुआ। यह पहल क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी। Reuters
श्रीलंका की आर्थिक संकट के दौरान, भारत ने लगभग $4 बिलियन की सहायता प्रदान की थी। इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे श्रीलंका को आर्थिक राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के पूर्वी प्रांतों में परियोजनाओं के लिए लगभग 2.4 बिलियन श्रीलंकाई रुपये की अनुदान सहायता की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने अनुराधापुरा में जया श्री महाबोधि मंदिर का दौरा किया, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को दर्शाता है। इसके अलावा, श्रीलंका ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘मित्र विभूषण’ पदक से सम्मानित किया, जो विदेशी नेताओं के लिए श्रीलंका का एक उच्च सम्मान है।
इन समझौतों और पहलों के माध्यम से, भारत और श्रीलंका ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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