President Droupadi Murmu Mahakumbh: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाई। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति विशेष विमान से सुबह प्रयागराज हवाई अड्डे पर पहुंचीं, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे अरैल पहुंचीं और नाव से संगम जाकर पवित्र स्नान किया।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति महाकुंभ में संगम पर पूजा-अर्चना करने के साथ ही अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन करेंगी। इस दौरान उन्होंने त्रिवेणी संगम पर पक्षियों को दाना भी खिलाया, जो उनकी आध्यात्मिक आस्था को दर्शाता है। इसके अलावा, वे डिजिटल कुंभ अनुभव केंद्र भी जाएंगी, जहां उन्हें आधुनिक तकनीक से कुंभ के महत्व और इतिहास की जानकारी दी जाएगी।
महाकुंभ का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। महाकुंभ भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस पवित्र स्नान से महाकुंभ की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गरिमा को और अधिक ऊंचाई मिली है।
राष्ट्रपति का प्रयागराज प्रवास राष्ट्रपति करीब 8 घंटे प्रयागराज में बिताएंगी और शाम 5:45 बजे नई दिल्ली लौट जाएंगी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। इस आयोजन में देशभर से साधु-संत, राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आमजन भाग ले रहे हैं। प्रयागराज का महाकुंभ सनातन संस्कृति की अनंत धारा को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित कर रहा है।
महत्वपूर्ण हस्तियों की उपस्थिति इस महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई प्रमुख हस्तियां संगम में डुबकी लगा चुकी हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नाइक, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे भी इस पवित्र स्नान का हिस्सा बन चुके हैं।
महाकुंभ के प्रभाव और महत्व महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और सामाजिक समरसता का अद्भुत संगम भी है। इस आयोजन से प्रयागराज का आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र भी समृद्ध होता है। संगम तट पर स्नान करने से लोगों की धार्मिक आस्था और विश्वास को बल मिलता है। इसके अलावा, विभिन्न संप्रदायों के साधु-संतों के प्रवचन और संवाद से समाज में नैतिकता और धार्मिकता का प्रसार होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की इस आध्यात्मिक यात्रा से महाकुंभ के महत्व को और भी अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। उनके द्वारा किए गए धार्मिक अनुष्ठान और संगम स्नान से लोगों में आध्यात्मिक चेतना जागृत होगी। प्रयागराज में आयोजित इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर दुनिया के सामने भारतीय संस्कृति और परंपरा की महानता को उजागर किया है।