Republic Day Parade
Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन हर साल कर्तव्यपथ पर बड़े उत्साह और गर्व के साथ किया जाता है। इस भव्य आयोजन में भारतीय सेना की ताकत, संस्कृति, और तकनीकी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया जाता है। इस वर्ष परेड में भारतीय सेना के तोपखाने की ताकत का भी प्रदर्शन होगा, जिसमें सेना के तीन प्रमुख मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम – रूसी ग्रैड, स्मर्च, और स्वदेशी पिनाका (अग्निबाण) शामिल हैं। परेड के दौरान पिनाका मल्टीलॉन्च रॉकेट सिस्टम और ग्रैड रॉकेट लॉन्चर को जनता के सामने पेश किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार ग्रैड अपने नए अवतार में नजर आएगा।
पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट सिस्टम, जिसे ‘अग्निबाण’ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना की ताकत में एक अहम कड़ी है। यह पूरी तरह स्वदेशी प्रणाली है, जिसे करगिल युद्ध के दौरान तैनात किया गया था। इसका कैलिबर 214 मिमी है और यह 40 किलोमीटर तक की दूरी तक मार कर सकता है। प्रत्येक पिनाका लॉन्चर में 12 रॉकेट होते हैं और एक बैटरी में 6 वाहन होते हैं, जो कुल मिलाकर 72 रॉकेट दाग सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पिनाका की एक बैटरी महज 44 सेकंड में सभी 72 रॉकेट दागने में सक्षम है, जो इसे दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में बेहद प्रभावी बनाती है।
पिनाका की रेंज को बढ़ाने पर लगातार काम चल रहा है। 75 किलोमीटर तक मार करने वाले पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण हो चुका है। इसके अलावा, इसकी रेंज को 90, 120, और 300 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना पर भी काम जारी है। वर्तमान में भारतीय सेना के पास पिनाका की चार रेजिमेंट्स हैं, और छह और रेजिमेंट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। इस आधुनिक प्रणाली ने भारतीय सेना को स्वदेशी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने में मदद की है।
गणतंत्र दिवस परेड में इस बार ग्रैड रॉकेट लॉन्चर अपने नए रूप में नजर आएगा। ग्रैड मल्टीबैरल रॉकेट लॉन्चर भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हथियार है, जिसे करीब 40 साल पहले रूस से खरीदा गया था। पहले यह रूसी वाहन Ural-375 पर आधारित था, जो अब पुराना हो चुका है। इसे बदलकर भारतीय सेना ने अशोक लीलैंड के ट्रक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इस प्रकार, परेड में दिखने वाला ग्रैड BM-21 लॉन्चर अपने पुराने लॉन्चर के साथ, एक नए और अत्याधुनिक कैरियर पर नजर आएगा।
ग्रैड रॉकेट लॉन्चर 122 मिमी कैलिबर के रॉकेट फायर करता है और इसकी मारक क्षमता 50 किलोमीटर तक है। एक ग्रैड लॉन्चर में 40 रॉकेट होते हैं, जिन्हें हर दो सेकंड में फायर किया जा सकता है। करगिल युद्ध के दौरान ग्रैड ने अपनी अद्भुत क्षमताओं का प्रदर्शन किया और इसे दुश्मन के ठिकानों पर हमले के लिए बार-बार इस्तेमाल किया गया।
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परेड में पिनाका और ग्रैड का प्रदर्शन भारतीय सेना की ताकत का परिचायक होगा। पिनाका, जो पूरी तरह से स्वदेशी है, भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है। वहीं, ग्रैड, जो रूसी तकनीक पर आधारित है, सेना की पुरानी और प्रभावी प्रणाली की निरंतरता को प्रदर्शित करता है।
गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्यपथ पर पिनाका और ग्रैड जैसे मल्टीबैरल रॉकेट सिस्टम का प्रदर्शन भारतीय सेना की ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का अद्भुत उदाहरण है। यह परेड न केवल हमारी सैन्य क्षमता को प्रदर्शित करती है, बल्कि स्वदेशी तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की प्रगति का भी प्रमाण है। भारतीय सेना के ये हथियार दुश्मनों के लिए एक स्पष्ट संदेश हैं कि भारत अपनी रक्षा और सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है।
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