Union Budget 2025-26: भारत सरकार ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में सेमीकंडक्टर और आईटी सेक्टर को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की घोषणा की है। सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए आवंटन को चालू वित्त वर्ष के संशोधित आवंटन 1,200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,499.96 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार को विभिन्न सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए कुल 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है, जिससे यह क्षेत्र देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण आधार बनने की ओर अग्रसर है।
तकनीकी परियोजनाओं में भारी निवेश
मोबाइल फोन, आईटी हार्डवेयर, सेमीकंडक्टर योजना और इंडियाएआई मिशन जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए सरकार ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों (पीएलआई) सहित कुल 18,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 84 प्रतिशत अधिक है।
बजट दस्तावेजों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए संशोधित आवंटन 9,766 करोड़ रुपये था, जिसे 2025-26 के लिए बढ़ा दिया गया है। इंडियाएआई मिशन का बजट 11 गुना बढ़ाकर 2,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह मिशन भारत के कृत्रिम मेधा (एआई) पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की अगुवाई करेगा, जिसमें कंप्यूटर अवसंरचना के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।



आईटी सेक्टर को मिलेगा यह लाभ
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए कुल आवंटन को 2025-26 में लगभग 48 प्रतिशत बढ़ाकर 26,026.25 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में यह 17,566.31 करोड़ रुपये था। यह निवेश आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा।
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत 8,885 करोड़ रुपये का सबसे अधिक आवंटन किया गया है, जो मुख्य रूप से मोबाइल फोन के उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में एप्पल विक्रेता फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, लावा इंटरनेशनल आदि शामिल हैं।
भारत बनेगा सेमीकंडक्टर हब
भारत सरकार सेमीकंडक्टर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। 2025-26 में सेमीकंडक्टर परियोजनाओं के लिए 2,499.96 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो यह दर्शाता है कि देश इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने की राह पर है।
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इस निवेश के साथ, भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की ओर से विभिन्न नीतिगत सुधारों और पीएलआई योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि देश सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बने।
भारत सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर और आईटी क्षेत्र में किया गया यह निवेश देश को एक नई तकनीकी क्रांति की ओर ले जाएगा। इंडियाएआई मिशन, पीएलआई योजनाएं, और सेमीकंडक्टर उत्पादन को प्रोत्साहित करने वाली विभिन्न योजनाएं देश को वैश्विक प्रौद्योगिकी मानचित्र पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएंगी। इस तरह, आने वाले वर्षों में भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि विश्वभर में तकनीकी नवाचारों का केंद्र भी बन सकता है।