US deports 104 Indian immigrants: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों के मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी देशों का यह दायित्व होता है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उन्हें वापस लिया जाए। भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन से बातचीत कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासितों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो।
जयशंकर ने कहा कि सरकार अवैध आव्रजन को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एजेंसियां उन एजेंटों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करेंगी जो अवैध आव्रजन को बढ़ावा देते हैं।
संसद में उठे सवाल और सरकार की प्रतिक्रिया
सांसदों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है, बल्कि पहले भी ऐसा होता रहा है। 2009 में 747 अवैध प्रवासियों को वापस भेजा गया था और हर वर्ष ऐसे मामले सामने आते हैं। 2012 से ही निर्वासितों को मिलिट्री विमान से भेजने की प्रक्रिया लागू है और इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
विपक्षी सांसदों के सवाल
तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने सवाल उठाया कि जब कोलंबिया अपने प्रवासियों को सरकारी विमान से वापस बुला सकता है, तो भारत क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि भारत के पास संसाधनों की कमी नहीं है, फिर भी निर्वासितों को चार्टर्ड या मिलिट्री विमान से लाया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अमेरिका ने भारतीयों को हाथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर भेजा, लेकिन भारत सरकार ने भी उनके प्रति सम्मान नहीं दिखाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार अपने नागरिकों को लाने के लिए अपना विमान भेजने पर विचार कर रही है।
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या पीएम मोदी निर्वासन के इस मुद्दे पर ट्रंप से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि 18,000 भारतीयों को वापस भेजने की प्रक्रिया पर क्या रुख अपनाया गया है।
विदेश मंत्री का जवाब
जयशंकर ने विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 104 भारतीयों को वापस भेजे जाने की जानकारी सरकार को थी और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि प्रत्येक व्यक्ति से बातचीत कर यह पता लगाया जाए कि वे अमेरिका कैसे पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया मिलिट्री एयरक्राफ्ट या चार्टर्ड प्लेन के माध्यम से ही होती है।
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वासितों के पास किसी भी प्रकार की संपत्ति का मुद्दा हो तो सरकार उसे देखेगी, लेकिन अमेरिका द्वारा निर्वासित किए गए भारतीय अवैध रूप से वहां रह रहे थे, इसलिए उन्हें वापस लाया गया।
सरकार ने आश्वासन दिया कि अवैध आव्रजन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे और अमेरिका के साथ वार्ता जारी रहेगी ताकि निर्वासितों के साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित किया जा सके।