Donald Trump: अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) ने हाल ही में बांग्लादेश में अपनी सभी सहायता और प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह निर्णय बांग्लादेश की यूनुस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। इस फैसले के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और आर्थिक सुधार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में चल रही सहायता पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।
ट्रंप प्रशासन का कठोर कदम
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला बड़ा कदम है, जिससे बांग्लादेश को मिलने वाली विकास सहायता पूरी तरह से बंद हो जाएगी। यह निर्णय ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत लिया गया है, जो विदेशी सहायता में कटौती करने और अमेरिकी हितों को प्राथमिकता देने पर केंद्रित है।
USAID का आधिकारिक पत्र
USAID ने फंडिंग निलंबन पर जारी अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति के हालिया कार्यकारी आदेश का पालन करते हुए लिया गया है। पत्र में कहा गया है:
“यह पत्र सभी यूएसएआईडी/बांग्लादेश कार्यान्वयन भागीदारों को निर्देश देता है कि वे यूएसएआईडी/बांग्लादेश अनुबंध, कार्य आदेश, अनुदान, सहकारी समझौते, या अन्य सहायता या अधिग्रहण साधनों के तहत किसी भी कार्य को तुरंत बंद या निलंबित कर दें।”
प्रभावित क्षेत्र
USAID बांग्लादेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और आर्थिक सुधार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहायता प्रदान करता रहा है। इस निर्णय के कारण कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स बाधित हो सकते हैं, जो विकास प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।
ये भी पढ़े:-World Wetlands Day 2025: आर्द्रभूमियों का संरक्षण, सतत भविष्य की दिशा में एक कदम
बांग्लादेश पर प्रभाव
इस निर्णय से बांग्लादेश की विकास योजनाओं और यूनुस सरकार की नीतियों पर गहरा असर पड़ सकता है। बांग्लादेश ने USAID के माध्यम से बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता प्राप्त की है, जिसका उपयोग गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, और ग्रामीण विकास में किया जाता था।
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी सहायता पर रोक
ट्रंप प्रशासन ने केवल बांग्लादेश ही नहीं, बल्कि अधिकांश विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है। इसके तहत केवल इजरायल और मिस्र को छूट दी गई है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित होगा। आपातकालीन खाद्य सहायता को छोड़कर, अन्य सभी प्रकार की मदद फिलहाल बंद कर दी गई है।
ज्ञापन की शर्तें
ट्रंप प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है:
“जब तक प्रत्येक सहायता की समीक्षा और स्वीकृति नहीं हो जाती, तब तक नई सहायता या मौजूदा सहायता के विस्तार के लिए कोई नया फंड जारी नहीं किया जाएगा।”
‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का प्रभाव
यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिकी सरकार ने विदेशों में दी जाने वाली सहायता को सख्त मानदंडों के अधीन कर दिया है। इस नीति का उद्देश्य अमेरिकी संसाधनों का संरक्षण और घरेलू हितों को प्राथमिकता देना है।
बांग्लादेश में भविष्य की चुनौतियां
USAID की सहायता रोकने से बांग्लादेश में चल रहे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स रुक सकते हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट, शिक्षा में सुधार कार्यों की रुकावट, और ग्रामीण विकास की धीमी गति जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं।
USAID का यह निर्णय बांग्लादेश के लिए एक बड़ा झटका है। यह कदम न केवल विकास कार्यों को बाधित करेगा, बल्कि अमेरिका-बांग्लादेश के संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के चलते कई विकासशील देशों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
यह कदम वैश्विक सहायता नीतियों में परिवर्तन का प्रतीक है, जो विकासशील देशों की चुनौतियों को और बढ़ा सकता है। बांग्लादेश को अब अपने विकास कार्यों के लिए नए साझेदारों और संसाधनों की तलाश करनी होगी।