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illegal immigrants: 104 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिकी आर्मी विमान भारत पंहुचा, गुजरात पंजाब और हरियाणा के है ज्यादा लोग है

illegal immigrants: अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर एक सी-17 विमान बुधवार को अमृतसर के श्री गुरु रामदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। यह विमान ठीक 2 बजकर 15 मिनट पर एविएशन क्लब की तरफ लैंड किया गया। इसमें सवार सभी 104 भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर अमेरिकी सेना की देखरेख में भारत भेजा गया था। यह विमान मंगलवार को अमेरिका के टेक्सास के सैन एंटोनियो से उड़ान भरकर करीब 35 घंटे की लंबी यात्रा के बाद अमृतसर पहुंचा।

विमान के अमृतसर पहुंचने से ठीक पहले भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। इनमें गृह मंत्रालय, गृह विभाग, भारतीय सेना और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल थे। विमान के उतरने के बाद एविएशन क्लब में अमेरिकी अधिकारियों और भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के बीच एक बैठक आयोजित की गई। हालांकि, इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों के सामने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले लोगों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की। इसके अलावा, उन एजेंटों पर कार्रवाई करने की भी बात कही गई, जो लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने का काम करते हैं।

विमान में सवार सभी 104 भारतीयों को हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। यह देखकर कई सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिका सरकार ने ऐसा क्यों किया। हालांकि, भारत सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

विमान से उतरने के बाद सभी भारतीयों को कस्टम और इमिग्रेशन चेकिंग के लिए भेज दिया गया। इन विभागों की ओर से सभी के दस्तावेजों और पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है। इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि क्या इनमें से किसी के खिलाफ भारत के किसी राज्य या शहर में कोई आपराधिक मामला दर्ज है। अगर किसी के खिलाफ ऐसा कोई रिकॉर्ड मिलता है, तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, यह जांच प्रक्रिया जारी है।

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इस विमान में लाए गए 104 भारतीयों में गुजरात के 33, हरियाणा के 34, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3 और उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ के 2-2 लोग शामिल हैं। इनमें 8 से 10 साल के कुछ बच्चे भी हैं। अमेरिका सरकार की ओर से कुल 205 लोगों की सूची जारी की गई थी, जिन्हें डिपोर्ट किया जाना है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी के लोग कब भारत लाए जाएंगे।

इस पूरे मामले ने अवैध प्रवासन और मानव तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों को फिर से उजागर किया है। अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सहयोग और समन्वय की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही, उन एजेंटों और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जो लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने का काम करते हैं।

इस घटना के बाद भारत सरकार को अमेरिका के साथ मिलकर एक ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है, ताकि अवैध प्रवासन और मानव तस्करी जैसी समस्याओं को रोका जा सके। इसके अलावा, उन लोगों की मदद करने की भी जरूरत है, जो अवैध तरीके से विदेश जाने के चक्कर में फंस जाते हैं और उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाता है।

इस मामले में अमेरिका सरकार की ओर से हथकड़ी और बेड़ियां लगाने की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह कदम मानवाधिकारों का उल्लंघन है। हालांकि, अमेरिका सरकार ने अभी तक इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

भारत सरकार को इस मामले में संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है और डिपोर्ट किए गए लोगों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही, उन लोगों की पृष्ठभूमि की जांच करके उन्हें उचित सहायता प्रदान करनी चाहिए, जो अवैध तरीके से विदेश गए थे।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अवैध प्रवासन और मानव तस्करी जैसी समस्याएं न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और समन्वय की आवश्यकता है।

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