Jammu and Kashmir

Jammu and Kashmir: नौशेरा में खदान में धमाका, 6 जवान घायल

Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के नौशेरा के भवानी सेक्टर के मकड़ी इलाके में एक खदान में धमाका (Jammu and Kashmir blast) होने से सेना के छह जवान घायल हो गए। घटना के बाद तुरंत घायलों को उपचार के लिए राजौरी के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सुरक्षा बलों ने घटना स्थल को घेर लिया है और जांच जारी है।

बारूदी सुरंगों का खतरा

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में बारूदी सुरंगों का खतरा हमेशा से बना रहता है। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें जवानों की जानें गई हैं और कई घायल हुए हैं। सेना इन इलाकों में गश्त के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतती है, लेकिन खदानों की मौजूदगी लगातार चुनौती बनी हुई है।

पुंछ में बारूदी सुरंग विस्फोट

नौशेरा की इस घटना से पहले 9 दिसंबर 2024 को जम्मू के पुंछ जिले में एक बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ था। इस हादसे में 25 राष्ट्रीय राइफल्स के हवलदार वी. सुब्बैया वरिकुंटा शहीद हो गए थे। यह हादसा थानेदार टेकरी इलाके में गश्त के दौरान हुआ। सेना ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा था कि वे शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।

बारामूला में आईईडी निष्क्रिय

इसी तरह की एक घटना बारामूला जिले के पट्टन के पलहालन इलाके में हुई, जहां सुरक्षाबलों ने एक आईईडी का समय रहते पता लगाया। बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) को मौके पर बुलाकर आईईडी को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया। समय रहते इस आईईडी का पता लगाना और उसे निष्क्रिय करना एक बड़ी सफलता मानी गई।

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कुपवाड़ा में खदान धमाका

इससे पहले अक्टूबर 2024 में कुपवाड़ा जिले के त्रेहगाम इलाके में भी एक खदान विस्फोट हुआ था। यह विस्फोट तड़के तीन बजे उस समय हुआ जब सैनिक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास गश्त कर रहे थे। इस घटना में सेना के दो जवान घायल हो गए थे।

Jammu and Kashmir blast

सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत

जम्मू-कश्मीर में बारूदी सुरंगें और आईईडी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती हैं। नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों द्वारा खदानों और विस्फोटकों का इस्तेमाल आम बात हो गई है। सेना और सुरक्षाबल लगातार इन खतरों से निपटने के लिए सतर्क रहते हैं, लेकिन ऐसी घटनाओं में पूरी तरह से रोक लगाना अब तक संभव नहीं हो पाया है।

शांति और सुरक्षा का प्रयास

भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां सीमावर्ती इलाकों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। हाल के वर्षों में, उन्होंने कई बारूदी सुरंगों और आईईडी को निष्क्रिय किया है। यह घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि इलाके में सतर्कता और बढ़ाने की आवश्यकता है।

इस घटना ने एक बार फिर से यह दिखाया है कि सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बलों को कितने गंभीर खतरों का सामना करना पड़ता है। घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ, यह आशा की जाती है कि ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाएगा।

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